नागपंचमी पर हिन्दी कविता

नागपंचमी पर हिन्दी कविता गीत- उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट नाग पंचमी के अवसर पर, नागों का पूजन कर आएँआस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ। मानवता का ओढ़ लबादा, सेवा का जो ढोंग कर रहेजिसको चाहें डस लेते वे, पीड़ित कितना कष्ट अब सहे इच्छाधारी बने आज जो, वे तो हैं सब से टकराएँ … Read more

निवेदन करें हम महादेव प्यारे – उपमेंद्र सक्सेना

निवेदन करें हम महादेव प्यारे – उपमेंद्र सक्सेना गीत- उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट बने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारेनिवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे। बजे हर तरफ आपका खूब डंका, न होती किसी को कहीं आज शंकाभवानी की चाहत हो क्यों न पूरी, … Read more

सावन का चल रहा महीना – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

सावन का चल रहा महीना सपने अब साकार हो रहे, जो थे कब से मन में पालेसावन का चल रहा महीना, देखो सबने झूले डाले।पत्थर पर जब घिसा हिना को, फिर हाथों पर उसे लगायानिखरी सुंदरता इससे तब, रंग यहाँ जीवन में छायाहरियाली तीजों पर मेला, किसके मन को यहाँ न भायाआयोजन हर साल हो … Read more

मेरी बिल्ली मुझसे म्याऊँ-उपमेंद्र सक्सेना

मेरी बिल्ली मुझसे म्याऊँ जिससे अपना मतलब निकला, क्यों मैं उसके लात लगाऊँदुनिया का सिद्धांत अनोखा, मेरी बिल्ली मुझसे म्याऊँ। मगरमच्छ के आँसू गिरते, जब वह सुख से भोजन करताबगुला भगत यहाँ पर देखो,अपनों पर यों कभी न मरता जिस थाली में भोज खिलाया, क्यों मैं उसमें छेद बनाऊँदुनिया का सिद्धांत अनोखा, मेरी बिल्ली मुझसे … Read more

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस-उपमेंद्र सक्सेना एड०

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस जीवन में आखिर कब तक हम, बोलो स्वस्थ यहाँ रह पाएँबीमारी से पीड़ित हों तो, काम डॉक्टर साहब आएँ। मानव तन इतना कोमल है, देता है सबको लाचारी तरह -तरह के रोगों से अब, घिरे हुए कितने नर- नारी बेचैनी जब बढ़ जाती है, रात कटे तब जगकर सारीबोझ लगे जीवन जब … Read more