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विदाई गीत /कविता

तुम रुक न सको सौजन्य-अरुणा श्रीमाली तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ.. तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ… पढ़-लिख कर विश्राम न करना कर्म-क्षेत्र में आगे बढ़ना । यही कामना आज हमारी, तुम्हें इसे है पूरी…

विरह पर दोहे -बाबू लाल शर्मा

विरह पर दोहे सूरज उत्तर पथ चले,शीत कोप हो अंत।पात पके पीले पड़े, आया मान बसंत।। फसल सुनहरी हो रही, उपजे कीट अनंत।नव पल्लव सौगात से,स्वागत प्रीत बसंत।। बाट निहारे नित्य ही, अब तो आवै कंत।कोयल सी कूजे निशा,ज्यों ऋतुराज…

विरह पर कविता

विरह पर कविता प्रेम में पागल चाँद से चकोर प्यार करे ।उम्र भर देखे शशि को उसका हीं दीदार करे । हिज्र एक पल का भी सहा जाये ना उनसे ।आंसुओं के मोती से इश्क का इजहार करे। हर घड़ी…

विदाई के पल पर कविता

विदाई के पल पर कविता वर्षों से जुड़े हुए कुछ पत्तेआज बसंत में टूट रहे हैं ।जरूरत ही जिनकी पेड़ मेंफिर भी नाता छूट रहे हैं। यह पत्ते होते तो बनती पेड़ की ताकत ।इन की छाया में मिलती सबको…