आर आर साहू के दोहे

आर आर साहू के दोहे ईश प्रेम के रूप हैं,ईश सनातन सत्य।अखिल चराचर विश्व ही,उनका लगे अपत्य ।। कवि को कब से सालती,आई है पर पीर।हम निष्ठुर,पाषाण से,फूट पड़ा पर नीर।। क्रूर काल के कृत्य की,क्रीड़ा कठिन कराल।मानव का उच्छ्वास है,या फुँफकारे व्याल।। लेश मात्र करुणा कभी,जाती छाती चीर।अब वो छाती मर गई,मत रो दास … Read more

त्याग और विश्वास जहाँ हो सच्चा प्रेम वही है- डॉ एन के सेठी

सच्चा प्रेम वही प्रेम करो निस्वार्थ भाव सेस्वार्थ प्रेम नही है।त्याग और विश्वास जहाँ होसच्चा प्रेम वही है।। बिना प्रेम के ये जीवन हीलगता सूना सूना ।प्रेम होय यदि जीवन में तोविश्वास बढे दूना।। ईश्वर की स्वाभाविक कृति हैप्रेम कृत्रिम नही है।प्रेम में होती उन्मुक्ततास्वच्छन्दता नही है।। प्रेम बस देना जानता हैनाम नहीं लेने का।आकंठ … Read more

नारी पर आधारित कविता

नारी पर आधारित कविता नारी जगत का सार     नारी सृष्टि काआधार         जननी वो कहलाती              मान उसे दीजिये।।             ???नारी ईश्वर का रूप     उसकी शक्ति अनूप         देती है सबको प्यार              उसे खुश कीजिये।।  … Read more

माधुरी मंजरी- हिंदी काव्य

सेवा पर कविता सेवा वंचित मत रहो,तन मन दीजे झोकसेवा मे सुख पाइए,नहीं लगाओ रोक ।।1।। जो सेवा संपन्न है ,देव अंश तू जान ।इनके दर्शन मात्र से ,मिलते कई निदान ।।2।। सेवा का व्यापार कर ,बनते आज अमीर ।पीड़ित जन सब मूक हैंसाहब तुम बेपीर ।।3।। सेवा कुर्बानी चहैकरे अहं का नाश ।सो अपनाये … Read more

पाप-कुण्डलियाँ

                पाप-कुण्डलियाँ निर्जन पर्वत में अगर ,                        करो छुपाकर पाप ।आज नहीं तो कल कभी ,                      करें कलंकित आप ।।करें कलंकित आप ,          … Read more