अपनापन पर कविता
अपनापन पर कविता अपनापन ये शब्द जहां काहोता सबसे अनमोलप्यार नेह से मिल जातासंग जब हों मीठे बोल। अपनापन यदि जीवन में होहर लम्हा रंगे बहारअपने ही गैर बन जाएं तोग़म का दरिया है संसार। अपनेपन की अभिलाषी थीमैं अपनों की भीड़ मेंसमझ न पाया मर्म मेरा कोईबह गई मैं इस पीर में। अपनों ने … Read more