हम तुमसे प्यार करते हैं

हम तुमसे प्यार करते हैं हाँ यही सच है हम तुमसे प्यार करते हैंजानेजाना हाँ यही सच है तुमपे मरते हैंतुम न होते हो तो तस्वीर से बतियाते हैंदिल के नज़दीक ला हम धड़कन तुम्हें सुनाते हैंहोश खो देते हैं तुम्हेँ सामने जब पाते हैंबेख़ुदी में तुम्हें ही सोच मुस्कुराते हैंपास आ जाओ तुम्हारा इंतज़ार … Read more

सुनो तुम आ जाओ न

सुनो तुम आ जाओ न सुनो तुम आ जाओ नकुछ अपनी भी सुनाओ नखफ़ा खफ़ा से लगते होथोड़ा सही मुस्कुराओ नयहाँ लोग बातें बनाते हैंनिगाहों को नहीं मिलाओ नबेख़ौफ़ हम रहते हैं मगरतुम तन्हा नहीं बुलाओ नज़िक्र मेरा हर सू करते होकुछ तो राज़ छुपाओ नपल जो साथ गुज़ारे थेयूँ उनको नहीं भुलाओ नरोज़ ख्वाबों … Read more

कुण्डलिया

कुण्डलिया अंदर की यह शून्यता ,                     बढ़ जाये अवसाद ।संशय विष से ग्रस्त मन ,                     ढूढ़े  ज्ञान  प्रसाद ।।ढूढ़े   ज्ञान  प्रसाद ,           व्यथित मन व्याकुल होता ।आत्म – बोध से दूर ,    …     खड़ा    एकाकी    रोता ।।कह ननकी कवि तुच्छ ,             सतत शुचिता  अभ्यंतर ।कृपा  करें  जब  संत ,              बोध  होता  उर  अंदर ।।                    ~  … Read more

पानी के रूप

 पानी के रूप धरती का जब मन टूटा तो झरना बन कर फूटा पानी हृदय हिमालय का पिघला जब नदिया बन कर बहता पानी ।। पेट की आग बुझावन हेतु टप टप मेहनत टपका पानी उर में दर्द  समाया जब जब आँसू बन कर बहता पानी ।। सूरज की गर्मी से उड़ कर भाप बना बन रहता पानी एक जगह यदि बन्ध जाए तो गगन … Read more

मन की जिद ने इस धरती पर कितने रंग बिखेरे

मन की जिद ने इस धरती पर कितने रंग बिखेरे दिन   गुजरे   या   रातें  बीतीं  ,रोज लगाती  फेरे।मन की जिद ने इस धरती पर, कितने रंग बिखेरे।कभी  संकटों  के  बादल ने, सुख  सूरज को घेरा।कभी बना दुख  बाढ़  भयावह  ,मन में डाले डेरा।जिद ही  है जिसने  धरती  पर ,एकलव्य अवतारा।जिद  ही थी जिसने  रावण  को … Read more