बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान १.बेटी होती लाड़ली,जैसे पुष्पित बाग।बिन बेटी के घर लगे, रंग चंग बिन फाग।। २.बेटी लक्ष्मी गेह की,अब तो नर लो मान।सेवा कर माँ बाप की,बनती कुल की शान।। ३.साक्षर होगी बेटियाँ,उन्नत होगा देशभर संस्कार समाज में,बदलेंगी परिवेश।। ४.बहु भी बेटी होत है,रखो न दूजा भावनिज बेटी सा मान दो,लाओ जी … Read more

शानदार पार्टी

शानदार पार्टी चल रही थी खूब,अमीर दिलदार लोगों की पार्टी ,जहां शामिल होने के लिए ,किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं ,और ना ही आवश्यकता है,निश्चित राशि की।बस एक मुस्कान के साथ कह दो ,मुझे भी शामिल करोगे यार।मां ने बस दस रुपए दिए हैं ,एक साथ आवाज आई ,“आ जाओ!”पैसे की भी जरूरत नहीं ,पूरी … Read more

सद्गुरु-महिमा न्यारी जग का भेद खोल दे

सद्गुरु-महिमा न्यारी सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे।वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।।गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते।पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।।गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना।ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।।गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न टालना।गुरु-विश्वास का खोना, जग-सन्ताप पालना।।गुरु की गरिमा भारी, … Read more

अर्ज़ी कर लेना तुम स्वीकार ओ मैया

अर्ज़ी कर लेना तुम स्वीकार ओ मैया मेरी अर्ज़ी कर लेना, अब तो तुम स्वीकार ओ मैयाइस बेटी को दे देना, अपना थोड़ा प्यार ओ मैयामैं तो तेरा नाम जपूँ, चाहे रूठे संसारमेरी अर्ज़ी……हे सुखकर्णी हे दुखहरणी मैया शेर सवारीसकल विश्व गुणगान करे माँ तेरी महिमा न्यारीकल कल बहती निर्मल गंगा अम्बे शरण तिहारीजगमग जगमग … Read more

रोज ही देखता हूँ सूरज को ढलते हुए

रोज ही देखता हूँ सूरज को ढलते हुए दरख्त रोज ही देखता हूँसूरज को ढलते हुए!फिर अगली सुबह ,निकल आता है मुस्कुराकर!नयी उम्मीद और विश्वास लिए,मेरे पास अब उम्मीद भी नहीं बचीमेरे सारे पत्तों की तरह!सपने टूटने लगते हैंजब देखता हूँकुल्हाड़ी लिये,बढ़ रहा है कोई मेरी ओर..मैं लाचार…विवश…उसे रोक नहीं सकताक्योंकि–उस इंसान की तरह ही … Read more