हर पल मेरा दिल अब नग़मा तेरे ही क्यूं गाता है

मेरा दिल अब नग़मा तेरे ही क्यूं गाता है हर पल मेरा दिल अब नग़मा तेरे ही क्यूं गाता हैदेखे कितने मंजर हमने तू ही दिल को भाता हैना जानूं क्यूं खुद पे मेरा लगता अब अधिकार नहीआईना अब मैं जब भी देखूं तेरा मुखड़ा आता है ||दिल की वादी में तू रहती या दिल … Read more

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दुख दर्द सभी के हर लें वो माता शेरावाली

दुख दर्द सभी के हर लें वो माता शेरावाली दुख दर्द सभी के हर लें वो माता शेरावाली,झोली सबकी तु भर दे वो माता मेहरावाली,नौ दिन का ये त्योहार लगे बडा ही प्यारा,तुमसे सबकी मैया नाता बडा ही न्यारा,प्रेम सुधा बरसा दे तु लाल चुनरियाँ वाली,दुख दर्द सभी—————–बडी निराली मैइया दुख सबके हर लेती है,पार … Read more

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यूँ ही ख़ुद के आगे तुम मजबूर नहीं होना

यूँ ही ख़ुद के आगे तुम मजबूर नहीं होना यूँ ही ख़ुद के आगे तुम मजबूर नहीं होनाशौहरत हाँसिल गर हो तो मग़रूर नहीं होनालाख फाँसले तेरे मेरे दरमियाँ क्यों न होनज़र की दूरी सही लेकिन दिल से दूर नहीं होनाख़ाली हाथ हम आए थे खाली ही जाना हैदौलत के नशे में कभी भी चूर … Read more

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बाँसुरी बजाये गिरधारी

बाँसुरी बजाये गिरधारी बाँसुरी बजाये गीरधारी ब्रज में भीड़ भारी ।सखी संग नाचे वृषभानु दुलारी ब्रज में भीड़ भारी। बाँसुरी की धुन पे कान्हा गौ भी झूमेकदम की डाली मोहन तेरी पलकें चूमेसाथ गाये कोयलीया काली ब्रज में भीड़ भारी ।बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी । कमल के फूल माधव चरण को छुएयमुना … Read more

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कब कैसे क्या बोले ?

कब कैसे क्या बोले ? वाणी एक दुधारू तलवार की तरह है।उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।ज्ञान की बात को सहेजकर रखते है।कब कैसे क्या बोले पता नहीं।जुबान फिसली तो रुका नहीं।मन को शांति बनाकर रखिए।होठों से मुस्कान प्रेम से बोलिए।छोटी सी जीभ,बड़े बड़े कहर ढा दे।लड़ाई झगड़े छोड़के, … Read more

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कर्मठता की जीत

कर्मठता की जीत स्वाभिमान मजबूत है , पोषण का है काज ।बैठ निठल्ला सोचता ,  बना भिखारी आज ॥लाचार अकर्मण्यता , मंगवा रही भीख ।काज बिना कर के करे , कुछ तो उससे सीख ॥आलसी लाचार बने , करे गलत करतूत ।कर्मठता सबसे बड़ी , कर देती मजबूत ॥मिलता है मेहनत से , जब भर … Read more

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आओ सब मिल कर संकल्प करें

आओ सब मिल कर संकल्प करें आओ सब मिल कर संकल्प करें।चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।आओ सब मिल कर संकल्प करें॥मर्यादा में रहना सीखें, सागर से बन कर हम सब।हम इस में रहना सिखलाएं, तोड़े कोई इसको जब।मर्यादा के स्वामी की, धारण यह सीख करें।आओ सब मिल कर संकल्प करें॥मात पिता … Read more

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हां मै कवि हूं

dijendra-kurre-kohinoor

हां मै कवि हूं  जीने की राह दिखाता हूं।अपनी लेख से,लोगो को जगाता हूं।हा मै कवि हूं………रूठे मन को मनाता हूं।हास्य कविता लिखकरआम जनों को हसाता हूं।हां मै कवि हूं………कभी प्रकृति सौंदर्य।कभी श्रृंगार रस पर,नारी का वर्णन करता हूं।हां मै कवि हूं………अदम्य पराक्रम ।साहसी वीरता पर,सैनिकों की गाथा लिखता हूं।हां मै कवि हूं………रंग बिरंगी होली … Read more

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नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर

महावीर जयंती

नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर त्याग और अहिंसा की मूर्ति है महावीर।क्षमा और करूणा का सागर है महावीर।दर्शन ज्ञान चरित्र की ज्योति है महावीर।‘रिखब’का नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर!राजा सिद्धारथ के घर जन्में,माता जिसकी त्रिशला रानी।तीर्थंकर प्रभु की याद दिलाने,आई प्यारी महावीर जयन्ति।चैत्रशुक्ल दिन त्रयोदशी आया,कुण्डलपुर नगरी अानंद छाया।दिव्य स्वरूप धरती पर आया,जन्मदिवस का उत्सव मनाया।राजमहल में … Read more

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पाँच वर्ष का है त्यौहार

पाँच वर्ष का है त्यौहार लोकतंत्र का रखना मान।जाकर करना तुम मतदान।पाँच वर्ष का है त्यौहार।चुन लेना अपनी सरकार।मत आना लालच में आप।वोट बेंचना होता पाप।सुधरे भारत की हालात।संसद भेजो रखने बात।लालच में आकर ना खोय।मत अपनी जस बेटी होय।पहनो या पहना लो ताज।सुंदर हो भारत का राज।संविधान देता अधिकार।जाने भारत को संसार।नर नारी सब … Read more

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