हाय रे गरीबी
हाय रे गरीबी (१)भूख में तरसता यह चोला,कैसे बीतेगी ये जीवन।पहनने के लिए नहीं है वस्त्र,कैसे चलेगी ये जीवन। (२)किसने मुझे जन्म दिया,किसने मुझे पाला है।अनजान हूं इस दुनिया में,बहुतों ने ठुकराया है। (३)मजबुर हूं भीख मांगना,छोटी सी अभी बच्ची हूं।सच कहूं बाबू जी,खिली फूल की कच्ची हूं। (४)छोटी सी बहना को,कहां कहां उसे … Read more