पेड़ धरा का हरा सोना है
पेड़ धरा का हरा सोना है ये कैसा कलयुग आया हैअपने स्वार्थ के खातिरइंसान जो पेड़ काट रहा हैअपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार रहा हैबढते ताप में स्वयं नादान जल रहा हैबढ़ रही है गर्मी,कट रहे हैं पेड़या कट रहे हैं पेड़ बढ़ रही है गर्मीशहरीकरण, औद्योगीकरण,ग्लोबल वार्मिंग तेजी से बढ़ रहा हैपारिस्थितिकी संतुलन … Read more