दुर्गा के नौ रूप(दोहे)-केतन साहू “खेतिहर”

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। दुर्गा के नौ रूप- 9 दोहे शुभारंभ नवरात्र का, जगमग है दरबार। गूंज उठी चहुँ … Read more

भक्ति पर कविता

भक्ति पर कविता तोरन पुष्प सजाय केउत्सव माँ के द्वार!!! गीत सुरीले गूँजते,लटके बन्दनवार!!!! नाम अनेको दे दिए,माई जग में एक!!! नामित ब्रम्हाचारिणी,कर लेंना अभिषेक!! परम सुखी परिवार होमाँग भक्ति के भीख!!! चरण धूलि माथे लगावत्स भजन ले सीख!!! –राजेश पान्डेय वत्सकविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ मंगल करनी भव दुख हरणी।माता मम् भव   सागर तरणी। हाथ जोड़कर विनय करू माँ।अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  । निस दिन ध्यान करू मै मैया।तुम  हो  मेरी  नाव  खिवैया। तुम बिन कौन सुने अब मैया।मँझधारों    मे  फसती    नैया। गहरा  सागर  नाव    पुरानी।इसको  मैया   पार  लगानी। मदन सिंह शेखावत

हे महिषासुर मर्दिनी

हे महिषासुर मर्दिनी हे महिषासुर मर्दिनी ! आज फिर धरा पर आना होगा , नारी के मान , नारी की गरिमा कावसन फिर बचाना होगा ,छिपे बैठे है असुर कितनेमच्छरों सदृश मौकापरस्त कितने ,ढूंढ-ढूंढ कर उन दुश्शासनों कोमिट्टी में मिलाना होगा , हे महिषासुर मर्दिनी ! आज फिर …………हे नारी ! समय नही अब रोने काइतिहास गवाह है और … Read more

आओ चले गाँव की ओर-रीतु देवी

village based Poem

आओ चले गाँव की ओर आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी बुलाती उन्मुक्त गगन ओररस बस जाए गाँव में ही,स्वर्ग सी अनुभूति होती यहीं।खुला आसमाँ, ये सारा जहाँस्वछंद गाते, नाचते भोली सूरत यहाँ।आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी बुलाती उन्मुक्त गगन ओरआमों के बगीचे हैं मन को लुभाते,फुलवारियाँ संग-संग हैं सबको झूमाते ,झूम-झूम … Read more