प्रेम का मर जाना
प्रेम का मर जाना डॉ सुशील शर्मा प्रेम का मरना ही आदमी का मरना हैजब प्रेम मरा था तोबलि प्रथा सती प्रथा उगी थींप्रेम के मरने पर हीधरती की सीमायें सिमट जातीं है।महाद्वीप ,देश ,प्रदेश ,भाषाओंजाति समुदाय ,मनुष्य ,जानवर का भेद होता है। प्रेम मरता है तोहिटलर ,मुसोलिनी ,औरंगजेबबगदादी ,ओसामा पैदा होते हैं।प्रेम मरता है … Read more