इंतजार पर कविता

इंतजार पर कविता इंतजार है हमकोसुनहरे ख्वाबों कोहकीकत मेंबदलने काइंतजार है हमकोअपने अरमानों कोकुछ कर दिखाने काइंतजार है हमकोइस जहां कोसतरंगी बनाने कायह इंतजारसमय आने तकजारी रहेगा।।

हमारे लिए पर कविता

हमारे लिए पर कविता तुम हमारेलिए क्या होऔरहम तुम्हारे लिएक्या हैये दोनों एक दूसरे केपूरक हैंसिक्के के दो पहलूकी तरहहम तुम्हारे लिएजीते हैंऔरतुम हमारे लिएयही इस जहां कायथार्थ है।।

नव युग का संदेश सुन, मान जरा इंसान

नव युग का संदेश नव युग का संदेश सुन, मान जरा इंसान ।जैसा जो करता यहाँ, फल देता भगवान ।।अभी वक्त है जाग जा,करले सबसे प्यार ।दो दिन की है जिन्दगी, छूट जाय कब प्राण।।नव युग तुझे पुकारता,तरुवर तू मत काट।पर्यावरण मनुज बचा, तब होगा कल्याण ।।नव युग की बेला कहे,पढ़ ले वेद पुराण।मात पिता … Read more

छंद पर कविता

छंद पर कविता ना भूल मन राम जी,मनु कर काज सही।मर्यादा में रहकर,कर्म फल लीजिए । शुद्ध भाव मन में,जीवन नाव ना डूबे।सदा सर्वत्र का भला,भाव शुद्धि कीजिए। सुबह शाम नाम ले ,राम सीता राम सीता।बुराई से दूर रहें,छल मत कीजिए। आज्ञाकारी सदाचारी ,निष्ठावान दीक्षार्थी ,वचन हो ना कष्टकारी ,प्रभु मंत्र लीजिए । ©️✍अरुणा डोगरा … Read more

मगर पर कविता

मगर पर कविता जब तक तारीफ़ करता हूँउनका होता हूँयदि विरोध मेंएक शब्द भी कहूँउनके गद्दारों में शुमार होता हूँ साम्राज्यवादी चमचेमुझे समझाते हैंबंदूक की नोक परअबे! तेरे समझ में नहीं आताजल में रहता हैऔर मगर से बैर करता है अच्छा हुआवे पहचान गए मुझेमैं पहचान गया उन्हें हक़ीक़त तो यही हैन कभी मैं उनका … Read more