कन्या पूजन या भ्रूणहत्या -राकेश सक्सेना

प्रस्तुत कविता का शीर्षक – “कन्या – पूजन या भ्रूण हत्या” समाज के उन लोगों से सवाल है जो एक तरफ तो देवी स्वरूपा कन्या का पूजन करते हैं वहीं अपने परिवार में बेटी होने का दुःख मनाते हैं। इसी विषय वस्तु को आधार मानकर रची गई है।

सुहाना मौसम पर कविता -रबीना विश्वकर्मा

मौसम कभी कभी सुहावना होता है ।।

वह स्त्री है( स्त्री आधारित कविता)

इस कविता में स्त्री के विविध रूपों में उसकी विविध शक्तियों को दर्शाया गया है। जो यथार्थ जीवन से जुड़ी हुई हैं।