विश्व रंगमंच दिवस पर प्रियदर्शन की कविता

World Theatre Day: विश्व रंगमंच दिवस हर साल 27 मार्च को मनाया जाता है. विश्व रंगमंच दिवस उत्सव एक ऐसा दिन है जो रंगमंच को समर्पित है. विश्व रंगमंच दिवस पर प्रियदर्शन की कविता कुर्सियां लग चुकी हैंप्रकाश व्यवस्था संपूर्ण हैमाइक हो चुके हैं टेस्टअब एक-एक फुसफुसाहट पहुंचती है प्रेक्षागृह के कोने-कोने में तैयार है … Read more

प्रकृति विषय पर दोहे

doha sangrah

प्रकृति विषय पर दोहे सूरज की लाली करें,इस जग का आलोक।तन मन में ऊर्जा भरे,हरे हृदय का शोक।। ओस मोतियन बूँद ने,छटा बनाकर धन्य।तृण-तृण में शोभित हुई,जैसे द्रव्य अनन्य।। डाल-डाल में तेज है, पात-पात में ओज।शुद्ध पवन पाता जगत,हरियाली में रोज।। उड़कर धुंध प्रभात में,भू पर शीत बिखेर।पुण्य मनोरम दृश्य से,लिया जगत को घेर।। झूम … Read more

कर्म पर हिंदी में कविता

श्रृंगार छन्द में एक प्रयास सादर समीक्षार्थ कर्म पर हिंदी में कविता कर्म का सभी करेंआह्वान।कृष्ण का ये है गीता ज्ञान।कर्मबिन होतभाग्य से हीन।सृष्टि में होत वही है दीन।। कर्म जो करे सदा निष्काम।पाय वह शांति औरआराम।आत्म मेंही स्थित हो हरप्राण।ब्रह्म में पा लेता है त्राण।। सृष्टि में रहता जो आसक्त।भोग में लिप्त रहे हर … Read more

शिव महाकाल पर कविता – बाबू लाल शर्मा

हे नीलकंठ शिव महाकाल भक्ति गीत- हे नीलकंठ शिव महाकाल (१६,१४मात्रिक) हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनाशी!हिमराजा के जामाता शिव,गौरा के मन हिय वासी! देवों के सरदार सदाशिव,राम सिया के हो प्यारे!करो जगत कल्याण महा प्रभु,संकट हरलो जग सारे!सागर मंथन से विष पीकर,बने देव हित विश्वासी!हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनासी! भस्म रमाए शीश चंद्र … Read more

महादेवी वर्मा पर कविता- बाबूलाल शर्मा

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

प्रस्तुत कविता हिंदी साहित्य के विख्यात छायावादी कवयित्री महादेवी वर्मा पर लिखी गई है ।जिसके रचयिता बाबूलाल शर्मा जी हैं ।आपने दोहे छंद पर यह कविता लिखी है।