कहाँ गई कागज की कश्ती – प्यारेलाल साहू

कहाँ गई कागज की कश्ती – प्यारेलाल साहू कहाँ गई कागज की कश्ती।कहाँ गई बचपन की मस्ती।। बचपन कितना था मस्ताना।कभी रूठना और मनाना।। साथ साथ खेला करते थे।आपस में फिर हम लड़ते थे।। साथ साथ पढ़ने जाते थे।बाँट बाँट कर हम खाते थे।। छुट्टी के दिन मौज मनाते।अमराई से आम चुराते।। कभी पकड़ में … Read more

निवेदन करें हम महादेव प्यारे – उपमेंद्र सक्सेना

निवेदन करें हम महादेव प्यारे – उपमेंद्र सक्सेना गीत- उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट बने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारेनिवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे। बजे हर तरफ आपका खूब डंका, न होती किसी को कहीं आज शंकाभवानी की चाहत हो क्यों न पूरी, … Read more

स्वास्थ्य पर सजगता – विनोद सिल्ला

स्वास्थ्य पर सजगता सेहत सुविधा कम हुई, बढ़े बहुत से रोग| दाम दवाओं के बढ़े, तड़प रहे हैं लोग|| अस्पताल के द्वार पर, बड़ी लगी है भीड़|रोग परीक्षण हो रहे, सब की अपनी पीड़|| ऊंचे भवन बना लिए, पैसा किया निवेश|दूर हुआ जब प्रकृति से, पनपे सभी कलेश|| खान-पान बदले सभी, फास्ट-फूड परवान|रोगों की भरमार … Read more

चुगली रस – विनोद सिल्ला

चुगली रस मीठा चुगली रस लगे, सुनते देकर ध्यान। छूट बात जाए नहीं, फैला लेते कान।। चुगलखोर सबसे बुरा, कर दे आटोपाट।नारद से आगे निकल, सबकी करता काट।। चुगली सबको मोहती, नर हो चाहे नार।चुगली के फल तीन हैं, फूट द्वेष तकरार।। चुगली निंदा जो करें, सही नहीं वो लोग।चुगल पतन की ओर है, पड़े … Read more

पावस पर कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

पावस पर कविता पावस ऋतु अब आ गई , घिरी घटा घनघोर ।चमचम चमके दामिनी , बादल करते शोर ।।बादल करते शोर , भरे नदिया अरु नाला ।चले कृषक खलिहान , लगा कर घर में ताला ।नियति कहे कर जोड़ , दिखे ज्यों रात्रि अमावस ।अँधियारा चहुँ ओर , घटा छाये जब पावस ।। पावन … Read more