जय गणपति जय जय गणनायक

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more

जय हनुमान तुम्हारा वंदन

जय हनुमान शक्तिपुंज ! सब विघ्न विनाशक रामदूत वैभव सुखदायक संकट-मोचक मारुति-नंदन जय हनुमान तुम्हारा वंदन 1 हे कपीश बुध्दिबल स्वामी अंजनि तनय पवनसुत नामी गुणसागर सुखपर्वत धामी जय हनुमान तुम्हारा वंदन 2 हे बजरंग ज्ञान के बादल बरस जाओ उर कर दो निर्मल द्वेष – मोह के काटो जंगल जय हनुमान तुम्हारा वंदन 3 … Read more

आम जन की हालात पर कविता – विनोद सिल्ला

खप-खप मरता आमजन खप-खप मरता आमजन, मौज उड़ाते सेठ।शीतकाल में ठिठुरता, बहे पसीना जेठ।। खून-पसीना बह रहा, कर्मठ करता कार।परजीवी का ही चला, लाखों का व्यापार।। कमा-कमा कर रह गया, मजदूरों का हाथ।पूंजी ने फिर भी किया, सेठों का ही साथ।। अंधी चक्की पीसती, कुत्ता चाटे चून।कर्मठ तेरी कार से, सेठ कमाते दून।। नहर सड़क … Read more

शिव जी पर कविता – हरीश बिष्ट

शिव जी पर कविता शिवशंकर के चरणों में सब, नित-नित शीश नवाते हैं |नीलकंठ भोलेबाबा की, प्रतिपल महिमा गाते हैं ||दूध-नीर अरु बेलपत्र सब, शिव के शीश चढाते हैं |महादेव,गणनाथ, स्वरमयी, सेवा भाव जगाते हैं ||भक्तों की भक्ती से खुश हो, उनको पार लगाते हैं |कामारी, सुरसूदन जग में, सबके भाग जगाते हैं ||देव-दनुज, जन, … Read more

निर्धन पर अत्याचार – उपमेंद्र सक्सेना

आज यहाँ निर्धन का भोजन, छीन रहा धनवान हैहड़प रहा क्यों राशन उनका, यह कैसा इंसान है। हमने देखा नंगे भूखे, राशन कार्ड बिना रहते हैंहाय व्यवस्था की कमजोरी, जिसको बेचारे सहते हैंजिसने उनका मुँह खोला है, वह खुद उनका पेट भरेगाअनुचित लाभ उठाने वालों, न्याय स्वयं भगवान करेगा जो सक्षम है आज किसलिए, करता … Read more