पशु पक्षियों की पाठशाला ( कविता )

पशु पक्षियों की पाठशाला ( कविता )


सुबह हुई है देखो भाई,
पशु पक्षियों ने कक्षा लगाई,
कौवा बोला ‘क’ से मैं,
कोयल बोली ‘क’ से मैं,
कबूतर बोला ‘क’ से मैं,
ख से मैं हूँ खरगोश,
बोला सब हो जाओ खामोश,
न करो तुम आपस में लड़ाई,
हमने अपनी अपनी पहचान बनाई,
‘ग’ से बोले गधे भाई,
एकता में है शक्ति समाई
इतने में आये घोड़े महाराज, सुंदर कपडे पहन कर साज,
आपस में मत उलझो भाई,
मिलजुल कर हम करेंगे पढ़ाई,
रानी,रोशन हमसे सीखेंगे झूम झूम
पढ़ लिख कर उनका निखरेगा रूप,
घूम घूम कर हम पढ़ाई का महत्व समझायेंगे .,
हर बच्चे को पाठशाला भिजवाएंगे।।

माला पहल मुंबई से

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