कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

औरत पर कविता -हरभगवान चावला

औरत पर कविता औरत को थोड़ा सुख मिलतातो चेहरे पर झलक जातादुख का उसके चेहरे सेबहुत देर तकपता ही नहीं चलता थासबको खिलाने के बादजो बचता, वो खातीऔर सुखी हो जातीसुखी गृहस्थी का यह सुखउसने छुटपन मेंगुड्डे गुड़ियों के ब्याह…

भाई पर दोहे / विनोद सिल्ला

doha sangrah

विनोद सिल्ला के दोहे भाईचारे की अनमोल भावना को व्यक्त करते हैं। ये दोहे पाठकों को रिश्तों के महत्व को समझने और उन्हें सहेजने की प्रेरणा देते हैं। भाई के प्रति सच्चे प्रेम और सम्मान की भावना को व्यक्त करते…

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस-उपमेंद्र सक्सेना एड०

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस जीवन में आखिर कब तक हम, बोलो स्वस्थ यहाँ रह पाएँबीमारी से पीड़ित हों तो, काम डॉक्टर साहब आएँ। मानव तन इतना कोमल है, देता है सबको लाचारी तरह -तरह के रोगों से अब, घिरे हुए कितने…

स्कूल पर कविता

विषय – स्कूल पर कविता स्कूल का दहलीज पुकारता है बीत गए गर्मी की छुट्टी,अब तो तुम आजाओ, क्या-क्या किए हैं,इस छुट्टी में हमे भी बताओ। श्याम-पट्ट,स्कूल की वो घंटी तुम्हें निहारता है, प्यारे बच्चों तुम्हें,स्कूल का दहलीज पुकारता है।…

बेरोजगार पर दोहे – विनोद सिल्ला

बेरोजगार पर दोहे पढ़-पढ़ पोथी हो गए, सभी परीक्षा पास। रोजगार मिलता नहीं, टूटी जीवन आस।। उपाधियां तो मिल गई, नहीं मिला है काम।मिल तो जाती नौकरी, दे पाते गर दाम।। बेकारी सबसे बुरी, हर लेती है मान।सारा जीवन व्यर्थ…