"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे पेड़ जंगल झाड़ी अउ रूख राईप्राणी जगत के संगवारी हे।काटथे फिटथे जउन संगीओ अंधरा मुरूख अज्ञानी हे।अपने हाथ अउ अपने गोड़मारत हवय…
हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।।कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन…
*लो..और कर लो विकास !*ग्लेशियर का टूटना और ये भूकम्प का आनाभूस्खलन,सुरंग धसना और बादल फटना,सरकार और कॉरपोरेट जगत तो मानते हैंये सभी है महज एक सहज प्राकृतिक घटना !इस…
जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,उस दिन दीवाली है।जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,जिस दिन नवीन अविष्काररहेनव वर्ष आने वाली हैं।जिस दिन घर घर पर दीपजले,जिस…
कल्पना शक्ति बनाम मन की अभिव्यक्ति!भावावेश में आकर,कल्पनाओं के देश में जाकर,अक्सर बहक जाता हूं, खुद को पंछी सा समझ कर,उड़ता हूं, उन्मुक्त गगन में,खुशी से, चहक जाता हूं!यह मेरे,…
*नव वर्ष का उत्सव !*मैंने नव वर्ष का उत्सवआज ये नही मनाया है..........!किसे मनाऊँ,किसे नहीकुछ समझ न आया है .....!! चाहे ये विक्रम संवत हो या जो ग्रेगोरियन रंगाया हैचाहे…
चमचा गिरि नही करूंगाजो लिखुंगा सत्य लिखुंगाचमचा गिरी नही करूंगा।कवि हूं कविता लिखुंगाराजनेता से नहीं बिकुंगा।।चापलुसी चमचा गिरी तोकिसी कवि का धर्म नहीं।अत्याचार मै नहीं सहूंगा।जो लिखुंगा सत्य लिखुंगा ।…