सबकी प्यारी भूमि हमारी / कमला प्रसाद द्विवेदी

सबकी प्यारी भूमि हमारी / कमला प्रसाद द्विवेदी सबकी प्यारी भूमि हमारी, धनी और कंगाल की। जिस धरती पर गई बिखेरी, राख जवाहरलाल की ।।दबी नहीं वह क्रांति हमारी, बुझी…
bhawani prasad tivari

जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारी

जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारी भवानी प्रसाद तिवारी जीत मरण को वीर, राष्ट्र को जीवन दान करो, समर-खेत के बीच अभय हो मंगल-गान करो। भारत-माँ के मुकुट…
atal bihari bajpei

आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी

आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी अटल बिहारी वाजपेयी कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग…

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे नारी बिना ना मर्द हैंमर्द का एक दर्द है।एक अनजाने कन्या लाकरपालने पोसने का कर्ज है।सिर झुका विनती नार कोहाथ जोड़ अर्ज…
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चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे

चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे चेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है मुस्कुराहटेंवो नजरें हैं दूर और कहीं !इतने सीधे-सादे लगते हैंजो मुखौटा लगाए…
गणेश वंदना

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे गणेश वंदना मै हव अड़हा निच्चट नदानदया करबे ग गणेश भगवानगौरी गौरा आथे सुरतातुंहर संग नंदी मेहरबान।मुसुवा सवारी लड्डू खवइयामुल बाधा तै दुख…
Jai Sri Ram kavitabahar

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के…
Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में भाॅंचा लामानथन सच्चा भगवान।बहिनी बर घातेच मयामिलथे गजब दुलारदाई के बदला मा बहिनी देथे…
shabri

शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी

शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी शबरी शबरी सी भक्ति मिले,जीवन सुगम चले,प्रभु के आशीष तले,होवे नवल विहान।यह भीलनी साधना,रही निष्काम भावना,कठिनाई से सामना,गुरु वचनों को मान।लोभ मोह छोड़कर,भक्ति भाव…
विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित विकलांग नहीं दिव्यांग है हम आँखे अँधी है, कान है बहरे ,हाथ पांव भी भले विकल ।वाणी-बुद्धि में…