"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
गंगा की पुकारगंगा घलो रोवत हे,देख पापी अत्याचार।रिस्तेदारी नइये ठिकाना,बढ़गे ब्यभीचार।।कलयुग ऊपर दोष मढत हे,खुद करम में नहीं ठिकाना।कइसे करही का करही एमनओ नरक बर करही रवाना।।स्वार्थ के डगर अब…
नव वर्ष आ गया नववर्ष,क्या संदेह,क्या संभावना है?शेष कुछ सुकुमार सपने,और भूखी भावना है।हैं विगत के घाव कुछ,जो और गहरे हो रहे हैं,बात चिकनी और चुपड़ी,सभ्यता या यातना है!ओढ़कर बाजार…
नया साल का स्वागत - विजय कन्नौजआही आही कुछ देके जाहीनया साल कुछ ले के आही।।जय गंगान नवा पुराना मा काहे भेद।अपन करनी अपन मा देखऊपर निंधा तरी छेद,जय गंगान…
शिक्षक का आशीर्वाद अमूर्त को मूर्त रूप देकर,जग को दिखलाया है,शिक्षक,समाज में ज्ञान का महत्व को बताया है।शिक्षक,शिक्षा से अज्ञानी को ज्ञानी है बनायाशिक्षक,संसार मे सभी लोगों को है अपनाया।बेशक,गुरू…
हिन्दी की पुकार पर कविता हिन्दी हिन्द की शान है,हिन्दी हिन्द की जान है,हिन्दी हिन्द की वरदान है,हिंदी पर अभिमान है।उमंगों के तरंग में,हिंदी है भावनाओं का समंदर,एकता का प्रतीक…
हिन्दुस्तान की कहानी पर कविता बहुत ही प्यारा "सोन चिड़िया" था मेरा नाम,धर्मनिरपेक्षता,अतिथि देवो भवःथा मेरा काम।संपूर्ण संसार में था एक अलग ही पहचान,हिन्द की संस्कृति का सभी करते थे…
विद्यालय का श्रृंगार आशाओं के परिवेश में ये देखो उलझे नजारे हैं,बच्चे हैं देश के भविष्य ये कल के सितारे हैं।अ,आ,वर्णमाला विद्यालय का प्रथम आयाम है,1से 100 तक गीनती बच्चों…
शाकाहार पूर्णतः स्वैच्छिक आहारिक आदत है जिसमें केवल पौधों से प्राप्त आहार का सेवन किया जाता है। जिसमें शाकाहारी व्यक्ति अन्य जीवों का साथी बनता है, जो उच्च ऊर्जा और…