मतदाता पर कुण्डिलयाँ

मतदाता पर कुण्डिलयाँ?? भाग्य विधाता भाग्य विधाता देश का, स्वयं आप श्रीमान।मिला वोट अधिकार है, करिये जी मतदान।।करिये जी मतदान, एक मत पड़ता भारी।सभी छोड़कर काम, प्रथम यह जिम्मेदारी।।कहे अमित…

केवरा यदु मीरा के दोहे

केवरा यदु मीरा के दोहे (1) चंदन माथे पर चंदन लगा, कैसा ढ़ोंग रचाय ।मंदिर मठ के नाम पर, वह व्यापार चलाय ।। (2)अग्निपथ सैनिक चलते अग्निपथ, लिये तिरंगा हाथ…

गुरु घासीदास बाबा पर हिंदी कविता

गुरू घासीदास छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे।

सुसंस्कृत मातृभाषा दिवस पर कविता

मातृभाषा दिवस पर कविता अपनी स्वरों में मुझको 'साध' लीजिए।मैं 'मृदुला', सरला, ले पग-पग आऊँगी।। हों गीत सृजित, लयबद्ध 'ताल' दीजिए।मधुरिमा, रस, छंद, सज-धज गाऊँगी।। सम्प्रेषित 'भाव' सतत समाहित कीजिए।अभिव्यंजित…

हम किधर जा रहे हैं ?

हम किधर जा रहे हैं क़यास लगाए जा रहे हैं,कि हम ऊपर उठ रहे हैं,क़ायम रहेंगे ये सवालात,कि हम किधर जा रहे हैं? कल, गए 'मंगल' की ओर,फिर 'चंदा-मामा' की…

सपनो पर कविता

सपनो पर कविता सपनो में सितारे सजने दो,नदियों की धाराएँ बहने दो।शीतल हवाएँ मन की तरंगें,फूलों की खुशबू महकने दो। ऊँचे अरमानों को सजने दो,आकाश में पंछी उड़ने दो।समन्दर की…

हमसफ़र पर कविता

हमसफ़र पर कविता प्यार का ओ एहसास हो,हमसफ़र मेरा साथ हो।कठिन रास्ते में निकला हूँ,इस सफर में तू मेरा साथ हो। ओ महफ़िल की रागिनी हो,ओ संगीत की तू वादिनी…

पुराने दोस्त पर कविता

पुराने दोस्त पर कविता हम दो पुराने दोस्तअलग होने से पहलेकिए थे वादेमिलेंगे जरूर एक दिन लंबे अंतराल बादमिले भी एक दिन उसने देखा मुझेमैंने देखा उसेऔर अनदेखे ही चले गए…

रिश्ते पर कविता

रिश्ते पर कविता दर्द कागज़ पर बिखरता चला गयारिश्तों की तपिश से झुलसता चला गयाअपनों और बेगानों में उलझता चला गयादर्द कागज़ पर बिखरता चला गया कुछ अपने भी ऐसे…

विधवा पर कविता

विधवा पर कविता सफेद साड़ी में लिपटी विधवाआँसुओं के चादर में सिमटी विधवामनहूस कैसे हो सकती है भला अपने बच्चों को वह विधवारोज सबेरे जगाती हैउज्जवल भविष्य कीf करे कामनाप्रतिपल…