दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”
दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”द्वारा रचित दैव व दानवों की वृत्तियां/ पुष्पा शर्मा “कुसुम” कंटक चुभकर पैरों मेंअवरोधक बन जाते हैं,किन्तु सुमन तो सदैव हीनिज सौरभ फैलाते हैं। बढा सौरभ लाँघ कंटकवन उपवन और वादियाँ,हो गया विस्तार छोड़करक्षेत्र धर्म और जातियाँ। धरा के अस्तित्व से चलीदैव व दानवों की वृत्तियां,ज्ञान का ले … Read more