कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

धूप की ओट में बैठा क्षितिज / निमाई प्रधान’क्षितिज’

क्षितिज सूर्य

धूप की ओट में बैठा क्षितिज /निमाई प्रधान’क्षितिज’ रवि-रश्मियाँ-रजत-धवल पसरीं वर्षान्त की दुपहरी मैना की चिंचिंयाँ-चिंयाँ से शहर न लगता था शहरी वहीं महाविद्यालय-प्रांगण में प्राध्यापकों की बसी सभा थी किंतु परे ‘वह’ एक-अकेला छांव पकड़ना सीख रहा था !…

दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”

dev danav mohini

दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”द्वारा रचित दैव व दानवों की वृत्तियां/ पुष्पा शर्मा “कुसुम” कंटक चुभकर पैरों मेंअवरोधक बन जाते हैं,किन्तु सुमन तो सदैव हीनिज सौरभ फैलाते हैं। बढा सौरभ लाँघ कंटकवन उपवन और वादियाँ,हो गया विस्तार…

कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद / पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’

virah viyog bewafa sad women

कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद / पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’ द्वारा रचित कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद/ पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’ कहाँ गए हो छोड़कर,आती हर पल याद।घर का हर कोना हुआ,यादों से आबाद। चीख रहा…

पर्यावरण दिवस पर चौपाई/ बलबीर सिंह वर्मा ‘वागीश’

save nature

पर्यावरण दिवस पर चौपाई बच्चे – बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी में हो शीतल काया। सबने इनकी महिमा गाई,मिलते हैं फल-फूल दवाई।पेड़ों से ही वर्षा आती,सब के मन को यह हर्षाती। बात सभी…

5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत

save tree save earth

5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत पेड़ हमर तो संगी साथी,पेड़ हमर आय जान।जीव जंतु सबो के आसरा,पेड़ आय ग भगवान।। डारा पाना अउ जड़ी सबो,आथे अबड़ दवाई।जीवन एखर बिन शून्य हे,होथे बड़ सुखदाई। देथे दाई असन मया जी,सुख…