कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस ईश्वर के पसीने सेबीज बने पौधे,पोषित हुये लाखों जीव।फसल पकने…
हिंदी कविता संग्रह
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कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस ईश्वर के पसीने सेबीज बने पौधे,पोषित हुये लाखों जीव।फसल पकने…
बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं बाधाओं से भय न हमें, हम तूफानों में चलते हैं ।। पथ चाहे घोर अँधेरा हो, दु:ख द्वंद्वों ने जब घेरा हो।हो महा वृष्टि भीषण गर्जन, करता हो महाकाल नर्तन।पर…
वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू क्या ख़ुदा की बात,अपने आप को जाना नहींं।साँच है महदूद,मेरी सोच तक माना नहीं ।। ज़िंदगी हँसकर,रुलाकर मौत यह समझा गईं।दुश्मनी है ना किसी से और याराना नहीं।। यह हवस की राह राहत से…
क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से झलकत, नैनन की गगरियाँ,झलक उठे, अश्रु – धार,क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से,बेहिन्तहा, होकर बेकरार! तड़पत – तड़पत हुई मै बावरी,ज्यों तड़पत जल बिन मछली,कब दर्शन दोगे घनश्याम,बिन तेरे अँखियाँ अकुलांई! क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से,…
मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन…