Author: कविता बहार

  • वक्त पर कविता

    वक्त पर कविता

    दुनिया कितनी सुंदर व प्यारी है।
    भारत उन सबमें नूतन न्यारी है।
    दुनिया के इस समय की घटना सुनाते हैं।
    चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
    1.सभी तरफ कोहराम मचा है।
    जान बचाना हो गया भारी।
    मनुष्य चाँद पर जा पहुंचा।
    पर एक वायरस से कैसी लाचारी।
    इस विपदा की घड़ी में अपना कर्तव्य निभाते हैं।
    चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
    2.पूरी धरती सुनी सुनसान पड़ी है।
    कदम से कदम मिलाये शत्रु खड़ी है।
    जिधर देखो उधर लाशों की झड़ी है।
    हर इंसान आज संगीन खड़ी है।
    इस विपदा की घड़ी में हम हिम्मत बंधाते हैं।
    चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
    3.दुनिया में हर तरफ हर मंजर पर।
    तूफानों के साये पलते हैं।
    हर कोई एक दूसरे से जलते हैं।
    हर गफलत को आज हम मिटाते हैं।
    क्या हुआ,क्यों हुआ,सबकुछ भुलाते हैं।
    चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

    *सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*
    ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
    तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.)
    मोब.- 8103535652
    9644035652
    ईमेल- [email protected]

  • जल पर कविता

    जल पर कविता

    जल पर कविता

    जल जीवन का सार है।
    जल जीने का आधार है।
    जल प्यासे की पुकार है।
    जल जीवन का करतार है।
    जल है तो कल है।
    जल बिना जीवन विकल है।
    बूँद बूँद का संचय कर मधुर।
    तब ही होगा तेरा जीवन सफल है।
    जल ही जीवन है।
    इसे व्यर्थ में न बहाएँ।
    जल संचय कर मधुर।
    अपना कर्तव्य निभाएँ।
    जल जीवन की पहचान है।
    जल बिना काम तमाम है।
    जो पहले नदियों की धारा थी।
    आज बोतलों में बिकता सरेआम है।
    जल संचय है एक सम्मान ।
    न करें कभी इसका नुकसान।
    बहुत हुआ जल,जंगल,जमीन का दोहन।
    अब तो सुधर जा हे इंसान।

    *सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*
    ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
    तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.)
    मोब.- 8103535652
    9644035652
    ईमेल- [email protected]

  • घर-बेघर पर कविता

    घर-बेघर पर कविता

    सरकार का आदेश है
    आज मुझे
    और बाकी सब को भी
    घर पर रहना है
    मैं और बाकी सब
    हर संभव प्रयास करके
    घर पर ही रहेंगे
    लेकिन सरकार
    यह बताना भूल गई
    कहाँ रहेंगे
    नगरों-महानगरों के बेघर
    जिनका धरती बिछौना
    आसमान ओढ़ना है
    जो करते हैं विचरण
    सरकारों के
    मुख्यालयों की नाक के नीचे
    कहाँ रहेंगे वे खानाबदोश
    जो स्वयं के
    व पशुओं के
    भोजन की तलाश में
    घूमते हैं
    एक गांव से दूसरे गांव
    वे कहाँ रहेंगे
    या शिकार होंगे
    घातक वायरस के

    -विनोद सिल्ला

  • फेसबुक प्यार पर कहानी

    फेसबुक प्यार पर कहानी

    सॉफ्टवेयर डेवलपर इंडिया निवासी नीलकमल फेसबुक चला रहा था,एक खूबसूरत युवती “हनी में”जो थाईलैंड में लोहा प्लास्टिक कम्पनी में मशीन ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थी,को फ्रेंडरिक्वेस्ट भेज दिया।जवाब भी कन्फर्म हो गया,नीलकमल बहुत खुश था,सॉफ्टवेयर डेवलप करने का यूट्यूब वीडियो नीलकमल कमल ने शेयर किया हनी में ने लाइक किया।और कुछ संदेश भी लिखी।नीलकमल संदेश नहीं समझ सका,वह गूगल के मदद से अनुवाद किया जो ख्मेर भाषा में था।ख्मेर कम्बोडिया की भाषा है,संदेश में लिखा था बहुत अच्छा।नीलकमल और हनी में,मैसेंजर से वार्त्तालाप करते रहे।नीलकमल भारत से हिंदी अंग्रेजी में मैसेज करता,हनी में कभी ख्मेर कभी थाई में संदेश भेजती।नीलकमल हनी में की भाषा व देश को लेकर असमंजस में रहता की हनी में कहाँ की निवासी है असली भाषा कौन है?धीरे धीरे हनी में और नीलकमल की दोस्ती बढ़ती गई और व्हाट्सऐप नम्बर में चैटिंग करने लगे।नीलकमल हनी को अंग्रेजी सिखाने लगा,हनी बहुत जल्दी अंग्रेजी सिख गई,ज्यादातर बाते अंग्रेजी में होने लगी।हनी में डरती थी की फेसबुक वाले फ्राड होते हैं,नीलकमल समझाता था मैं सही हूँ इंडिया वाले अच्छे होते हैं।नीलकमल यूट्यूब में वीडियो शेयर से कुछ पैसे कमा लेता था,कुछ सॉप्टवेयर कम्पनी के वेतन से,पर सपना बड़ा देखने लगा।हनी में को वह धीरे धीरे चाहने लगा फोन में बाते करने पर बहुत चार्ज लगता था,नीलकमल हनी से वीडियो कॉल में बात करने लगा।बात चित से स्पष्ट हुआ हनी में थाईलैंड में जॉब करती है पर उसका मूल देश कम्बोडिया है,पाँच वर्ष से थाईलैंड में रहते थाई भाषा सीख गई थी पर कम्बोडिया की भाषा ख्मेर से उसको बहुत लगाव रहा।नीलकमल अपने माता पिता से भी हनी में को बाते करवाता रहा।परिवार से बाते कर हनी में,नीलकमल पर विश्वास करने लगी।वीडियो कॉल के मदद से दोनों के परिवार हिल मिल गए।एक दिन नीलकमल ने अपने प्यार का प्रपोज कर हनी में से शादी का प्रस्ताव रख दिया।महीने भर बाद हनी में के तरफ से स्वीकृति मिल गई।हनी में का भाई शादी के लिए तैयार हो गया,उसने अपने मम्मी पापा को मना लिया।नीलकमल ने हनी में को फोन किया,हलो नीलकमल कैसे हो?नीलकमल ने कहा-हनी मैं शीघ्र तुमसे शादी करना चाहता हूँ, हनी बोली “एक शर्त है।क्या?निकलमल ने कहा।हनी में-“हमारे देश में शादी के पहले लड़के वालों को कुछ रुपिया देना पड़ता है।नीलकमल-“कितना?हनी-“सात लाख।रीएल में।निलकमल तीस हजार की सैलरी वाला असमंजस में पड़ गया।हनी-“क्या सोच रहे हो नीलकमल?नीलकमल-“कुछ नहीं,हाँ रेडी हूँ।एक और शर्त है-“नीलकमल-“बोलो हर। शर्त मानूँगा।हनी-“शादी के बाद तुम्हे मेरे घर में रहना होगा कम्बोडिया में।नीलकमल ये कैसी शर्त है,हमारे देश में लड़की वाले गिफ्ट देते हैं लड़की ससुराल में रहती है लड़के के घर।और तुम्हारे यहाँ,हनी बिच में बात काटते हुए बोली-“पर हमारे देश में यही रिवाज है गिप्ट लड़के वाले देते हैं लड़के को ससुराल में रहना पड़ता है और ससुराल के सम्पत्ति में पूरा हिस्सा होता है।नीलकमल-“अजीब नियम है,”नीलकमल ने मुस्कुराकर कहा-“मुझे प्रापर्टी मिलेगा।हनी-“हाँ मिलेगा,मेरे दीदी जीजा भी घर में रहते हैं उनका भी हक़ है मेरे भईया अपने ससुराल में रहते हैं।नीलकमल ने कहा-” सब उल्टा नियम।हनी-ये रिवाज है जैसा समझो पर है तो सत्य।पर जॉब के नाम पर हम इंडिया में रह सकते हैं पर मेरे मायके के प्रापर्टी में,आप का पूरा हक रहेगा।नीलकमल-“हाँ जो रिवाज हो तुम्हारे लिए सब मंजूर है।हनी में बोली-फोन रखती हूँ आने की तैयारी करो,नीलकमल कब ? हनी-मैं घर में बात कर ली हूँ,अप्रेल में आओ हमारे कम्बोडिया में ख्मेर उत्सव है 18 को उस दिन मैरिज करेंगे चर्च में।नीलकमल-“ओके रखता हूँ।”नीलकमल सात लाख के लिए व्यवस्था में लग गया कुछ दोस्तों से उधार,कुछ सॉप्टवेयर कम्पनी से एडवांस कुछ अपने चाचा से कुछ लोन लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा कर सारा पैसा अरेंज कर लिया।समय ने अंगड़ाई ली वक्त बीतने पर,नीलकमल फ्लाइट से थाईलैंड पहुँच गया रात के ग्यारह बजे रहे थे हनी में अपने सहेली जिंग फेंग के साथ एयरपोर्ट में खड़ी इंतजार कर रही थी।हनी ने फोन किया-“हाँ हलो हनी”नीलकमल ने कहा।हनी में ने फोन रिसीव करते नीलकमल को देख लिया और फोन काट दी।हनी अपने सहेली चिंग फेंग से बोली देखो।जूस सेंटर के पास नीलकमल है,चिंग फेंग बोली-“वो लड़का।हनी में-“हाँ वही है इंडियन नीलकमल।चिंग फेंग-“चलो उसको छोड़ो भाग जाते हैं यहाँ से।”हनी में-“,क्यों तुम्हे पसंद नहीं।चिंग फेंग-“हाँ वो पतला है और काला भी।हनि में-,नहीं,मेरे लिए इंडिया से आया है मैं उनसे प्यार करती हूँ जैसा भी हो मैं धोखा नहीं कर सकती 18 को उनके साथ मेरी शादी है मैंने अपने पद से रिजाइन भी कर दिया है।चिंग फेंग-“तू पगला गई है”तेरी मर्जी।हनी में-“जो समझ।”हनी में नीलकमल की ओर दौड़ पड़ती है,चिंग फे देखती रह जाती है।दोनों गले मिलते हैं।अगले फ्लाईट से कम्बोडिया पहुँच जाते हैं।वहां हॉटल बुक था जहाँ नीलकमल ठहरता है।हनी में मायके जा कर शादी के तैयारी में लग जाती है।दूसरे दिन हनी के मम्मी जॉन दवी पापा खैम जो,नीलकमल से मिलने आते हैं।और नीलकमल को लेकर डॉक्टर के क्लिनिक पहुंच जाते हैं।नीलकमल पापा यहां क्यों?खैम जो-“पहले ब्लड टेस्ट होगा मेडिकल सर्टिफिकेट शादी के लिए जरूरी होता है।नीलकमल-“ओके।”वहां से निकलकर ड्रेसेस शाप में जाते हैं।नीलकमल यहां क्यों?खैम जो-“शादी के लिए पांच ड्रेस किराए में लेना होगा नीलकमल -“पाँच क्यों?खैम जो-“पाँच ड्रेस बदल बदल कर विवाह करना होता है,”रिवाज है,ज्वेलरी भी किराए में लेना है।नीलकमल-अरे वाह।जैम जो-“शादी का सारा खर्चा तुम्हे देना होगा।”नीलकमल चिंता में डूब गया।सोचने लगा और मन ही मन बड़बड़ाने लगा-“इसी को कहते हैं कर्ज लेकर घी पियो।”मैरिजसर्टिफिकेट तैयार होने में विलम्ब के कारण शादी 26 अप्रेल को हुआ।रिसेप्शन में।,उबला माँस,बिना तेल कम नमक की सब्जी ब्वॉयल फूड नीलकमल को कुछ अजीब लग रहा था,हनी में ने बताया इधर,ऐसा ही भोजन बनता है तेल का प्रयोग बहुत ही कम होता है पानी के जगह लोग कोल्ड्रिंक्स लेते हैं।जैसे तैसे शादी होने के बाद नीलकमल हनी में फ्लाइट से इंडिया के रायपुर छत्तीसगढ़ पहुंचे।उन्हें रिसीव करने नीलकमल के चाचा,चाची भाई बहन पहुंचे,नीलकमल हनी में स्वागत से बहुत खुश हुए।

    राजकिशोर धिरही

  • विश्व कविता दिवस – सुन्दर लाल डडसेना

    विश्व कविता दिवस (अंग्रेजी: World Poetry Day) प्रतिवर्ष २१ मार्च[1] को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999[2] में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

    21 मार्च विश्व कविता दिवस 21 March World Poetry Day
    21 मार्च विश्व कविता दिवस 21 March World Poetry Day

    कविता क्या है?

    हे प्रिये! कविता क्या है?
    कविता मधुर की मुस्कान है।
    भावों की तीव्र अनुभूति है।
    कविता सुंदर का ज्ञान है।
    कविता जज्बातों,अरमानों का रूप है।
    कविता सुख दुःख का अर्पण है।
    कविता समाज का दर्पण है।
    कविता शब्दों का समर्पण है।
    कवि की आत्मा की गहराई है।
    कविता भावों का उमड़ता संस्कार है।
    मन की कोमल उदगार है।
    कविता कल,आज,कल की पुकार है।
    सच का स्वाभिमान है कविता।
    साहित्य का सम्मान है कविता।
    भाषा की जड़ सींचता है कविता।
    सच कहता है मधुर आत्मज्ञान है कविता।

    सुन्दर लाल डडसेना“मधुर”
    ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
    तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.)