कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

बापू जी तुम्हें नही भूले

mahatma gandhi

बापू जी तुम्हें नही भूले हम भूल गये रे हर बात,बापू जी तुम्हें नही भूले।सब कुछ किया देश के नामतुम्हारे सब काम नही भूले।।हम भूल गये रे……………। संघर्ष करके जीना सिखाया,अपनें वतन को बचाया।सब कुछ हमनें पाया मगर,तेरे साथ ना…

देखो न मुझे बुखार है

देखो न मुझे बुखार है देखो न मुझे बुखार हैया ये तेरा ही खुमार हैदिल को तेरा रोग लग गयादिल बेचारा बीमार है धड़कने बढ़ें और कभी थमेदेखूँ जो तुम्हें तो बोलो क्या हुआ हमेंहर जगह ही तुम दिखते हो…

वतन का नमक

वतन का नमक इस जहां से सुकून,हमने कभी पाया तो हैचमन का कोई गुल,हिस्से मेरे आया तो है लफ़्ज मेरे लड़खड़ाये,सामने तूफां पाकरफिर भी तरन्नुम में , गीत कोई गाया तो हैतख़्त पर बैठे हमने,तपन के दिन बितायेजरा-सा प्रेम का,बादल…

ओ मोरे घनश्याम साँवरे

ओ मोरे घनश्याम साँवरे ओ मोरे घनश्याम साँवरेओ मोरे घनश्याम साँवरेबिन दर्शन हम हो गए बावरेबिन दर्शन हम हो गए बावरेमोरे घनश्याम ओ मोरे श्यामओ मेरे….दूखन लागे हमरे नैनातुम बिन कान्हा अब नहीं चैनादिन गुज़रे न कटती रैनासुबह से हो…

सूनापन पर गीत

सूनापन पर गीत आजाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैन जाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैजिसकी डाली पे हम दोनों झूला करते थेवो झूला वो बरगद सूना सूना लगता हैदिन में तुम्हारा साथ रात में ख़्वाब होते…