कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

शुभ दीपावली / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा

शुभ दीपावली शुभ दीपावली आई है,मिलकर दीप जलाएँ।सजे द्वार हरदम चमके,घर आँगन महकाएँ।। अंतर्मन भरे रोशनी, छल, द्वेष, अहम मिट जाए। आत्मसात कर सद्गुणों का, तन-मन शुद्ध बनाएँ।। रघुवर जैसे चरित बने,हम शीलवान बन जाएँ।सदा निश्चल भाव भरे मन, श्री…

सुहागिनों का प्रेम और आस्था का त्यौहार /  डॉ एन के सेठी

करवा चौथ पर कविता

इस दोहों की श्रृंखला में करवा चौथ के त्यौहार का सुंदर चित्रण किया गया है, जिसमें सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। दिनभर की पूजा-अर्चना के बाद, वे चंद्रमा का दर्शन…

शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना

शरद पूर्णिमा पर कविता

इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा…

करवा चौथ का दिन / राकेश राज़ भाटिया

करवा चौथ पर कविता

करवा चौथ भारतीय संस्कृति में सुहागिनों के प्रेम और आस्था का प्रतीक पर्व है, जहां हर सुहागन सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती है। इस दिन का विशेष महत्व चांद के दीदार…

पति-व्रता की प्रार्थना / शिवराज सिंह चौहान

करवा चौथ पर कविता

यह कविता एक पतिव्रता स्त्री की भावनाओं और समर्पण को दर्शाती है, जो करवा चौथ के व्रत के दौरान अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वह पूरे दिन व्रत रखती है, सोलह श्रृंगार करती है,…