मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

मशाल की मंजिल – मनीभाई नवरत्न

मशाल की मंजिल – मनीभाई नवरत्न मशाल की मंजिल :-रचनाकार:- मनीभाई नवरत्नरचनाकाल :- 16 नवम्बर 2020 ज्ञानसतत विकासशीललगनशील,है जिद्दी वैज्ञानिक Iवह पीढ़ी दर पीढ़ीबढ़ा रहा अपना आकार Iवह कल्पना करतासिद्धांत बनाता स्वयंमेवउसकी प्रयोगशाला ये दुनिया।हम क्या ?बोतल में भरी रसायनया…

अब नहीं सजाऊंगा मेला

अब नहीं सजाऊंगा मेला अक्सर खुद कोसाबित करने के लिएहोना पड़ता है सामने . मुलजिम की भांति दलील पर दलील देनी पड़ती है . फिर भी सामने खड़ा व्यक्तिवही सुनता है ,जो वह सुनना चाहता है .हम उसके अभेद कानों…

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा होता है मन मेंजागता है प्रायश्चित भाव। वैसे सब चाहते…

हाय यह क्या हो गया?- मनीभाई नवरत्न

हाय यह क्या हो गया? हाय यह क्या हो गया?महाभारत हो गया ।हुआ कैसे?एकमात्र दुर्योधन से!किसका बेटा ?अंधे धृतराष्ट्र का!पट्टी लगाई आंखों मेंपतिव्रता गांधारी का।शायद कम गई दृष्टि इनकी,उद्दंडता जो दुर्योधन ने की । असल कसूरवार कौन?जिसने दुर्योधन को गढ़ा।जीवन…

ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा

ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा ये जानता नहीं अपनी मंजिल,  लक्ष्य के लिए कैसे सीढ़ी बनायेगा ?मूर्ख बनाने में शातिर महाप्रभु, ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा ।। इसे स्वयं को जो भी अच्छा लगे, उसे सत्य…