
तांका काव्य विधा पर रचनायें
तांका एक प्राचीन जापानी काव्य विधा है जो संक्षिप्त और संरचित रूप में गहन भावनाओं और विचारों को व्यक्त करती है। यह विधा पाँच पंक्तियों में लिखी जाती है, और प्रत्येक पंक्ति में निर्धारित मात्रा होती है। तांका का शाब्दिक…
तांका एक प्राचीन जापानी काव्य विधा है जो संक्षिप्त और संरचित रूप में गहन भावनाओं और विचारों को व्यक्त करती है। यह विधा पाँच पंक्तियों में लिखी जाती है, और प्रत्येक पंक्ति में निर्धारित मात्रा होती है। तांका का शाब्दिक…
गीता द्विवेदी की हाइकु 1 – पकते फल फुदके गिलहरी कोई न हल 2 – बीज धरा में झर – झर बरखा नवअंकूर 3 – कठपुतली मनोरंजन कड़ी दुनिया भूली 4 – एक आंगन संयुक्त परिवार लुभाए मन 5 …
हाइकु त्रयी [१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज! [२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल [३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़ निमाई प्रधान’क्षितिज’* Post Views: 108
मनीभाई की तांका नंद के लालाब्रज का तू गोपालाहै भोला भालाभाये बांसुरी तेरीछाये प्रेम घनेरी।। -मनीभाई ●●●●●●●●●●नाचते देखादेव विसर्जन मेंलोगों कोलिए फूहड़पनडीजे केे तरानों में।●●●●●●●●●●मैं नहीं एकमेरे रूप अनेकमैं ही ना जानूँ मेरी हकीकत कोमुझसे मिला दे तू।●●●●●●●●●●मनीभाई ‘नवरत्न’ मनीभाई की…
शीत ऋतु पर ताँका {01}ऋतु हेमंत नहला गई ओसधरा का मनतन बदन गीलेहाड़ों में ठिठुरन । {02}लाए हेमंत दांतों में किटकिटहाड़ों में कंपसर्द सजी सुबह कोहरा भरी शाम । {03}हेमंत साथकिटकिटाए दाँत झुग्गी में रात ढूँढ रहे अलाव काँपते हुए हाथ । □ प्रदीप…
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा Post Views: 49
किसान पर हाइकु मेघ बरसेअनचाही बारिशटूटती आस खड़ी फसलहो रही है बर्बादरोता किसान खेत हैं सूखेभूख कौन मिटायेंबंजर धरा। रस्सी के फंदेशाहकारों का कर्जलम्बी गर्दन। कर्ज से मुक्तिशासन से राहतकृषक हंसा। अविनाश तिवारी Post Views: 47
राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी 1 मोक्ष ढूंढने चला – चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती…
शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन सिंदुरी भोर धरा के मांग सजी लागे दुल्हन नव रूपसी दुब मखमली सी छवि न्यारी सी कोहरा छाया एक पक्ष वक्त का दुखों का साया …
वीणा के हाइकु 1-कृष्णमुरारीबालभद्र,सुभद्रारथ सवारी।2-हरितालिकापति की लम्बी आयुपत्नी निर्जला।3-स्वयं विश्वासमिलेगी सफलतामंजिल पास।4-लाल गुब्बाराबालक खेल रहाबम धमाका।5-मणिकर्णिकाअंतरिक्ष पे बैठीहिन्द की नारी। *सविता बरई “वीणा”सीतापुर, सरगुजा,(छ.ग.) Post Views: 50