मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 7

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ३०१/आज के नेताहै जनप्रतिनिधिनहीं सेवक। ३०२/है तू आजादबचा नहीं बहानातू आगे बढ़। ३०३/.मित्र में खुदाकरे निस्वार्थ प्रेमरिश्ता है जुदा। ३०४/ छाया अकालजल अमृत बिनधरा बेहाल। ३०५/ सांध्य सिताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा। ३०६/ स्वाभिमान हीसबसे बड़ी पूंजीजीवन कुंजी। ३०७/ बानी हो मीठीचुम्बकीय खिचावशीतल छांव। ३०८/ प्रेरणा पथखुला पग पग मेंपरख चल। ३०९/अच्छे करमपरलोक संपत्तिजीवन … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 6

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक २५१/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५२/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५३/ बाजार सजा~डलिया में बैंगनइतरा रहा। २५४/ सब्जी का राजा~(बैंगन)ताज भांति सिर मेंडंठल सजा।   २५५/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५६/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५७/ विषम दशा~साहसी नागफनीजीके दिखाता। २५८/ जुदा कुरूप~गमला में सजतामैं … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 5

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक २०१/ प्रभात बेला~   शहर में सजती रंगीन मेला। २०२/ हिलते पात~ दिवस सुधि लेते आई प्रभात। २०३/ खनिज खान~पठार की जमीनचौड़ा सपाट। २०४/रूई बिछौना~पामीर के पठारसंसार छत। २०५/ फंसा पतंगा फूल की लालच में लोभ है जाल। २०६/ पिरो के रखा~   एकता के सूत्र में अंतरजाल।   २०७/ बारिश बूंदें~उगी है … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 4

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १५१/ शांत तालाबपाहन की चोट सेबिखर चला। १५२/ मुस्कुरा गईनव वधु के लबमैका आते ही। १५३/ बच्चे मायुसबिजली आते उठीखुशी लहर। १५४/ अपनी सीमाकमजोरी तो नहींप्रभाव जमा। १५५/ बाल संवारेदीदी आज भाई कासहज प्रेम १५६/ भूले बिसरेयादों में झिलमिलअसल पूंजी। १५७/ आकाश गंगातारों की टिमटिमतम की आस। १५८/ भीषण शीतलब गुंजित करेशास्त्रीय गीत। … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 3

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १०१/ विकासशीलजगत का नियमहरेक पल १०२/अनुकूलनअस्तित्व का बचावकर पहल १०३/वातावरणकरता प्रभावितचल संभल १०४/ बच्चों के संगमिल जाती खुशियाँअपरम्पार।   १०५/ जीवन कमसमय फिसलताख्वाब हजार। १०६/ सूक्ष्म शरीरमन की चंचलताचांद के पार। १०७/ सर्वसमतानेकी बदी की छायाहरेक द्वार। १०८/ शहर शोरहो जुदा तू कर लेमौन विहार। १०९/ स्वर्ण बिछौना बिछाये धरा पररवि की रश्मि। ११०/ … Read more