Category हिंदी कविता

doha sangrah

दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी

दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।। सत् का जीवन में कभी, होता नहींअभाव।होता है जो भी…

फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा/ रेखराम साहू

— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा।यह तमाशा देखकर फ़रियाद है रोने लगा।। पाप दामन में बहुत हैं,पर उसे परवाह कब?गंग वह उल्टी बहाकर दाग़ है धोने लगा।। इस क़दर उसकी हवस…

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह "दिनकर"

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह “दिनकर”

परशुराम की प्रतीक्षा ChatGPT said: ChatGPT “परशुराम की प्रतीक्षा” कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की एक प्रसिद्ध कविता है, जिसमें कवि ने समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार, और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नए परशुराम के अवतरण की प्रतीक्षा का वर्णन किया…

किसान खेत जोतते हुए

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न जमीन में दफन होकरपसीने से सिंचितकड़ी देखभाल मेंउगता है ,सपनों का दाना बनके। लाता है खुशियां;जगाता है उम्मीद,कर्ज चुकता करने की।पर रह नहीं पाताअपने जन्मदाता के घर। खेत खलिहान से करता हैमंडे तक की सवारी।और…

किसान खेत जोतते हुए

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस ईश्वर के पसीने सेबीज बने पौधे,पोषित हुये लाखों जीव।फसल पकने…

struggle

बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं

बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं बाधाओं से भय न हमें, हम तूफानों में चलते हैं ।। पथ चाहे घोर अँधेरा हो, दु:ख द्वंद्वों ने जब घेरा हो।हो महा वृष्टि भीषण गर्जन, करता हो महाकाल नर्तन।पर…

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू

वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू क्या ख़ुदा की बात,अपने आप को जाना नहींं।साँच है महदूद,मेरी सोच तक माना नहीं ।। ज़िंदगी हँसकर,रुलाकर मौत यह समझा गईं।दुश्मनी है ना किसी से और याराना नहीं।। यह हवस की राह राहत से…

goverdhan shri krishna

मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी / रचयिता:-डी कुमार–अजस्र

प्रस्तुत गीत या गेय कविता/भजन ---- मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी ---डी कुमार--अजस्र द्वारा स्वरचित गीत या भजन के रूप में सृजित है ।

shri Krishna

नटखट नंद किशोर- नीरामणी श्रीवास

नटखट नंद किशोर चोरी करके छुप गया , नटखट नंद किशोर ।सभी गोपियाँ ढूँढती , प्यारा माखन चोर ।।प्यारा माखन चोर , शिकायत माँ से करते ।दधि की मटकी फोड़ , चैन हम सबकी हरते ।।नियति कहे कर जोड़ ,…