
कवि और कविता/ पुष्पा शर्मा”कुसुम”
कवि: कवि वह व्यक्ति होता है जो शब्दों के माध्यम से भावनाओं, विचारों, और अनुभवों को व्यक्त करता है। कवि अपनी रचनाओं में कल्पना, संवेदना, और आत्मा का मिश्रण करते हुए पाठकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। कवि…
कवि: कवि वह व्यक्ति होता है जो शब्दों के माध्यम से भावनाओं, विचारों, और अनुभवों को व्यक्त करता है। कवि अपनी रचनाओं में कल्पना, संवेदना, और आत्मा का मिश्रण करते हुए पाठकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। कवि…
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड में दर्ज छन्दबद्ध भारत का संविधान पुस्तक का हिस्सा बने मनीभाई पटेल “नवरत्न” बसना -भारत के 18 राज्यों के अलावा चार देशों के साहित्यकार द्वारा सृजित विश्व के प्रथम छंदबद्ध भारत का संविधान का हिंदी भवन,…
धरती हमको रही पुकार धरती हम को रही पुकार ।समझाती हमको हर बार ।। काहे जंगल काट रहे हो ।मानवता को बाँट रहे हो ।इससे ही हम सबका जीवन,करें सदा हम इससे प्यार ।।धरती हमको रही पुकार ।। बढ़ा प्रदूषण…
हाइकु मंजूषा 1चल रही हैचुनावी हलचलप्रजा से छल 2 भरोसा टूटाकिसे करें भरोसासबने लूटा 3 शासन तंत्रबदलेगी जनताहक बनता 4 धन लोलूपनेता हो गए सबअब विद्रूप 5 मंडरा रहाभविष्य का खतराचुनौती भरा 6 खल चरित्रजीवन रंगमंचन रहे मित्र 7 प्यासी…
जीवन के झंझावातों में श्रमिक बन जाते है नन्ही नन्ही कोमल कायानिज स्वेद बहाते हैं।जीवन के झंझावातों में,श्रमिक बन जाते है।हाथ खिलौने वाले देखो,ईंटों को झेल रहे।नसीब नहीं किताबें इनकोमिट्टी से खेल रहेकठिन मेहनत करते है तबदो रोटी पाते है।जीवन…
यहाँ मान पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। राह निहारूं माई –…
भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से ‘चाचा नेहरू’ भी कहते हैं। जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे किसी भी समाज की मूल नींव होते हैं, इसलिए उनका पालन-पोषण उपयुक्त वातावरण में किया जाना चाहिए…
आँख खुलने लगी/ नीलम आँख खुलने लगी/ नीलम रात के पिछले पहर मेंशीत की ठंडी लहर मेंकोहरे की चादर ओढ़ेसो रहे थे चाँद-तारे धीरे -धीरे धरा सरकतीजा पहुँची प्राची के द्वारेथरथराती ठंड से सिकुड़तीथपथपा खुलवा रही थी द्वार उषा ने…
मानवता के दीप/ भुवन बिष्ट मानवता के दीप/ भुवन बिष्ट हम तो सदा ही मानवता के दीप जलाते हैं,उदास चेहरों पर सदा मुस्कराहट लाते हैं। हार मानकर बैठते जो कठिन राहों को देख,हौंसला बढ़ाकर उनको भी चलना सिखाते हैं। कर देते…
चांदनी रात / क्रान्ति द्वारा रचित चांदनी रात / क्रान्ति चांदनी रात मेंपिया की याद सताएमिलने की चाहदिल में दर्द जगाए।। हवा की तेज लहरजिगर में घोले जहरकैसे बताऊं मैं तुम्हेंसोई नहीं मैं रातभर।। दिल के झरोखे मेंदस्तक देती हवाएंदेखकर…