कृष्ण रासलीला

shri Krishna

कृष्ण रासलीला लीला राधे कृष्ण सम,आँख उठा के देख।लाख कोटि महा शंख में,लख लीला है एक।। सब देवों की नारियाँ,कर नित साज सिंगार।गमन करें शुचि रास में ,बन ठन हो तैयार।। कृष्णप्रेम विह्वल शम्भु,निज मन कियो विचार।राधे कृष्ण प्रेम परम ,जा देखूँ इक बार।। शिव गौरा से जा तभी,कहने लगे सकुचाय।रास लखन मै भी चलूँ … Read more

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी

goverdhan shri krishna

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी नटवर नागर प्यारे कान्हा, गोवर्धन कर धरते हो।इंद्र देव का माधव मोहन, सर्व दर्प तुम हरते हो। ब्रज मंडल के सब नर-नारी, इंद्र पूजते सदियों से।लीलाधारी कृष्ण चन्द्र को, कभी न भाया अँखियों से।उनके कहने पर ब्रजवासी, लगे पूजने गोवर्धन।देवराज का दम्भ तोडने, लीलाएँ नव करते हो।1 गोवर्धन का … Read more

कृष्ण रंग रंगी मीरा /अर्चना पाठक

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कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग में रंगी मीरा । पराधीनता की गहरी टीस लिये। विरक्ति के गीत में रमी मीरा। परिजनों के क्रोध और विद्रोह सहे। सदा कृष्ण भक्ति में लीन मीरा। … Read more

गिरिराज गोवर्धन की महिमा

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गिरिराज गोवर्धन की महिमा संसार में भक्ति प्रेम अनुरक्ति से मिलता छप्पर फाड़।ब्रज वासियों की रक्षा में उठाये कृष्ण गोवर्धन पहाड़। द्वापर युग की बात,क्यों पूजन करें हम इंद्र देवता को।जब गिरि गोवर्धन चारा दें,सिचिंत करें धरती मात को।जिनसे हम ब्रज वासियों को,मिलता है लाभ साक्षात।पूजन करें गिरि गोवर्धन की,सह लेंगें इंद्र के ताप को।जब … Read more

श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू

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श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू महाव्याधि है मानवता पर, धरा-धेनु गुहराते हैं।आरत भारत के जन-गण,हे कान्हा! टेरते लगाते हैं।। चित्त भ्रमित संकीर्ण हुआ है,हृदय हताहत जीर्ण हुआ है।धर्मभूमि च्युतधर्म-कर्म क्यों,अघ अधर्म अवतीर्ण हुआ है ।।संस्कृति के शुभ सुमन सुगंधित शोकाकुल झर जताते हैं।महाव्याधि मानवता पर है,धरा- धेनु गुहराते हैं।। काल,काल-कटु कंस हुआ है,तम-त्रिशूल विध्वंस … Read more