जिंदगी पर कविता

जिंदगी पर कविता रंगीन टेलीविजन-सी यह ज़िन्दगीलाइट गुल होने परबंद हो जाती है अचानककाले पड़ जाते हैं इसके पर्देबस यूँ ही–अचानक थम जाती हैहमारी उम्रऔर थम जाते हैंजीवन और मृत्यु के अहसासऔर सारे रहस्य। — कुलमित्र9755852479

समय पर कविता

समय पर कविता समय के पाससमय नहीं हैकि थोड़ी देर रुकेतुम्हारे लिए अच्छा होगाकि तुम भी न रूकोचलते रहोसमय के साथ रुकने वालों काकोई संवाद नहीं होताकोई कहानी नहीं होतीकोई इतिहास नहीं होता चलते रहने वालोंतुम चलते ही रहोतुम्हारे बारे मेंएक दिनसमय सबको बताएगा — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र9755852479

पेड़ होती है स्त्री पर कविता

स्त्री पर कविता जीवन भरचुपचापसहती हैउलाहनों के पत्थरऔरदेती हैआशीषों की छाँह बड़ी आसानी सेकाटो तो कट जाती हैजलाओ तो जल जाती हैआपके हितों के लिएईंधन की तरह पेड़ होती है स्त्री। — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र9755852479

कोरोना पर कविता

कोरोना पर कविता वुहान चीन से फैल कोरोना ,दुनियाभर में हाहाकार मचाया ।छोटे बड़े सभी देशों में,खलबली मचाया ।। इटली अमेरिका जैसे,देश भी बच नहीं पाये ।विश्व के कोई देश,अपने को बचा नहीं पाये।। घर में रहकर,लॉकडाउन का पालन करना होगा।परिवार को सुरक्षित रख,देश को बचाना होगा ।। कोरोना से बचने,मास्क,सेनेटाइजर लगाना होगा ।अपना कर्तव्य … Read more

माँ की वह आँख पर कविता

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ की वह आँख पर कविता जब मैंने सुना कि माँ की एक आँख की रोशनी चली गई हैसहसा … Read more