ख्वाब में प्रिय

ख्वाब में प्रिय रात ख्वाब में देखा प्रिय,,मैंने तुम्हारा साथ हो,,झट आई बिछावन पे,,और बोली करो प्यार की बात हो,,        है तू मेरी हर साँस में,        सबसे अलग तू खास में,,       मत देख यूँ अब आ लिपटकर,,       गुजार लूँ आज की रात हो,, की कंपकंपाती सर्द के दिन,,और उम्र में मैं बहुत कमसीन,,फिर … Read more

कविता का संसार

कविता का संसार गीतों ने संसार रचायाहंसी-खुशी के ताल संग।अलंकारों की झंकार मेंनाचता है छमछम छंद।। नायिका के ख्वाब सजानेनायक चाँद-सितारे लायानदिया गीत सुहाने गायेगूंजे निर्झर कलकल नाद दुःख -सुख की अजब रंगोलीविरह-मिलन की गमगीनीडूब-उबरते जाने कितने प्रेमीप्रीत के सागर में।। रंगमंच के इस खेले मेंनवरस में डूबे चारणकभी ओज में शब्द गूंजतेकभी भक्ति में … Read more

अकड़ पर कविता

अकड़ पर कविता जीवन के इस उम्र तकना जाने कितने मुर्दे देखे।  कितनो को नहलाया   तैयार भी कियाऔर पाया    केवल अकड़सचमुच मुर्दो में अकड़ होती है  लेकिन जीते जी इंसान   क्यूं दिखाते है अकड़         क्या वे मुर्दे के समान है         या यही उनकी पहचान हैमरना तो सब को हैफिर अकड़ अभी से क्यूं??   जियो जी … Read more

अब गरल है जिंदगी

अब गरल है जिंदगी. शौक कहाँ साहेब,तब जरूरतें होती थीं,रुपया बड़ा,आदमी छोटा,पूरी न होने वाली हसरतें होती थीं!मिठाइयों से तब सजते नहीं थे बाज़ार,आये जब कोई,पर्व-त्योहार,पकवानों से महकता घर,भरा होता माँ का प्यार! तब आसमान में जहाज देखआँगन में सब दौड़ आते ,आज हर बच्चा उड़ रहा है,पानी में कागज की नाँव?अचरज कर रहा है! … Read more