Category: हिंदी कविता

  • पहचान पर कविता

    पहचान पर कविता

    कैद न करो बस पिंजरे में
    हमें नही चाहिए पूरा जहान ।
    अपने को मानते हो श्रेष्ठ तो
    हमें भी बनने दो नारी महान ।।
    जहाँ कोई मालिक न हो
    और न हो यहाँ कोई गुलाम ।
    दोस्ती का रिश्ता हो बस
    दोस्ती ही हो हमारी पहचान ।।
    आजादी नहीं चाहिए तुमसे
    बस बनी रहे मेरी भी शान ।
    जहाँ कोई छोटा- बड़ा न हो
    सबको मिले यहाँ मान-सम्मान ।।
    साथ चलना है सदा तुम्हारे
    लेकर अपने मन के अरमान ।
    मेरा तो बस यही ‘सपना’ है
    मिले धरती, वही खुला आसमान ।।

    अनिता मंदिलवार “सपना”

  • आह्वान गीत – नारी शक्ति को समर्पित

    आह्वान गीत – नारी शक्ति को समर्पित

    आह्वान गीत

    अभी और लड़ाई लड़नी है,तुमको  अपने अधिकार की |
    चुप होकर मत बैठो तुम,भेरी भरो हुंकार की ||

    कितनी सदियां बीत गईं,पर तुम्हें न वो सम्मान मिला |
    चिंतन करना होगा तुम्हें,अपने निरादर हार की || अभी और…

    आज भी तुम अपवित्र हो,मंदिर(सबरीमाला) में प्रवेश वर्जित है |
    कितनी कुत्सित-घृणित सोच है देखो इस संसार की ||अभी और..

    विधवा,कुलक्षणा,सती,टोनही;येे सब किसने नाम दिए |
    पूछो अग्नि परीक्षा क्यों,तुम्हारी ही हर बार की ||अभी और….

    दोयम दर्जे में हो अभी भी तुम,यह बात भूल नहीं जाना |
    बस अच्छे नारे हैं यहां,काग़ज़ी नीति सरकार की ||अभी और…

    कभी कभी कोई बहन भी,तुम्हारी दुश्मन होती है |
    स्वार्थ में करती है बचाव,जब वह गुनहगार की ||अभी और….

    शोषण करने को तुम्हारा,पग-पग में बैठे लोग यहां |
    कोई बाबा के वेश में तो,कोई ड्यूटी में पहरेदार की ||अभी और

    दुष्टों का संहार करो तुम,दुर्गा- चंडी-काली बनकर |
    ममता के संग में है ज़रूरत कभी-कभी तलवार की ||अभी और….

    अंधविश्वास-कुरीति से,तुमको बाहर आना होगा |
    आसमान छूने की बात,वरना है बेकार की || अभी और….

    शिक्षा को तुम ढाल बनाओ,कवच आत्मनिर्भरता को |
    बेड़ियां काट के बाहर निकलो,तुम घर और चारदीवार की ||


                  रमेश गुप्ता ‘प्रेमगीत’
                    सूरजपुर(छ.ग.)
                 मो- 9977507715

             

  • साँझ के हाइकु

    साँझ के हाइकु

    साँझ के हाइकु

    हाइकु

    1
    साँझ महके
    प्रिया जूड़े में फँसा
    पिया को ताके ।।

    2
    साँझ पुकारे
    सूर्य शर्म से लाल
    चाँद जो झाँके ।।

    3
    साँझ का सूर्य
    बूढ़े की सुनो कोई
    देर क्यों हुई ?

    4
    रातें डराती
    प्रभू भजने लगी
    संध्या की ज्योति ।।

    5
    साँझ का मन
    थका , बुझा, रूठा सा
    पार्टी हो जाए ।।

    6
    साँझ का गीत
    मन चाहता मीत
    बढ़ा लें प्रीत ।।

    7
    अच्छा दिन था
    साँझ खुशी से लौटा
    कल की चिंता ।।

    8
    लोग लौटते
    संध्या विदा कर के
    थके सो गए ।।

  • कैसे जीना भा गया

    कैसे जीना भा गया

    कैसे जीना भा गया

    दिल में जब तेरा खयाल आता है,
    बस एक ही सवाल आता है,
    न तुम्हें सोच पाती हूँ,
    और न लिख पाती हूँ,
    तुम्हारी यादें अब भी आती हैं,
    दर्द के लहरों से टकरा लौट जाती हैं,
    महसूस करना चाहता है तुम्हें दिल,
    पर पहले ही तड़प उठता है,
    उस दर्द की सिहरन से,
    जिसे दिल ने महसूस किया है,
    काश तुम समझ पाते,
    दिल की अनकही बातों को,
    हो सके तो महसूस करना,
    मेरी तड़पती रातों को,
    जाते-जाते ये तो बता दो,
    कैसे फरेब करना तुम्हें आ गया,
    भुला कर मुझे तुम्हें,
    कैसे जीना भा गया।।    

    मधुमिता घोष “प्रिणा”

  • दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे

    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे

    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे

    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।
    नाम बड़े हे दुनिया में  काम बड़े हे।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।

    राम नाम दिन रात जपत हे करे राम के काम ।
    भरत सही पिरोहिल राम के ह्रदय लगाये राम ।
    सूरज को लीलने  वाला के नाम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे।

    अवध पुरी में बंदर बन आगे भोला  के अवतारी ।
    अपने बनगे बंदर शिवजी अपने बने मदारी ।
    नाच के राम रिझइय्या के काम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे।

    ब्राह्मण बनके मिले राम  से  होइस जब बनवास।
    बाली के ड़र मा रिष्यमूक मा सुग्रीव करे निवास ।
    राम सुग्रीव के मिलईया  के काम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।

    सीता के पता लगाये खातिर कइसे समुन्दर नापे।
    रावन के तँय बाग उजारे दानव दल हा कांपे ।
    पूछी में  लंका जलईया के काम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।

    विभीषन संग करे मिताई लंका के भेद ला पाये ।
    माँ सीता के गोद मा मुँदरी  ला तंही गिराये ।
    सीता के दुखः हरईया के नाम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।

    माता के आगू हाथ जोड़ के अपन पता बताये।
    राम दूत मैं मात जानकी हनुमत नाम धराये।
    सीता के पता लगईया के काम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे।

    शक्ति बाण लगे लक्ष्मण ला रामा नीर बहाये ।
    द्रोणागिरि पर्वत के संग मा बैद सुखेन ला लाये ।
    लखन के प्राण बचईया के काम बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।

    कतका तोर मँय काम गिनावंव कतका भक्ति बतावंव ।
    राम चरण संग बजरंगी मँय तोरो चरण मनावंव ।
    मोरो दुखः हरईया  के काम  बड़े हे ।
    दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।
    नाम बड़े हे राम जी ओकर काम बड़े हे ।।
    दुनिया में –

    केवरा यदु “मीरा “