कलम से वार कर

कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।।        जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,,       वहाँ बेझिझक अपनी हार कर,,       अपने चिंतन शक्ति को बढ़ाकर,,        तुम ज्ञान का प्रसार कर,,        अपने अन्दर अटूट विश्वास … Read more

सखी वो मुझसे कह कर जाते

सखी वो मुझसे कह कर जाते नैनन मेरे नीर भर गयेहृदय किया आशंकित हैगये होगें जिस मार्ग पे चलकेउस पथ उनके पग अंकित हैजाना ही था जब प्रियतम कोथोडी देर तो रह कर जाते !!१!!*सखी वो मुझसे*…………….. भोर भयी जब देखा मुडकरप्रियतम सेज दिखे ना हमेंहृदय हुआ जो पीडित उस क्षणकहूँ वो कैसे व्यथा तुम्हेंसह … Read more

पहचान पर कविता

पहचान पर कविता कैद न करो बस पिंजरे मेंहमें नही चाहिए पूरा जहान ।अपने को मानते हो श्रेष्ठ तोहमें भी बनने दो नारी महान ।।जहाँ कोई मालिक न होऔर न हो यहाँ कोई गुलाम ।दोस्ती का रिश्ता हो बसदोस्ती ही हो हमारी पहचान ।।आजादी नहीं चाहिए तुमसेबस बनी रहे मेरी भी शान ।जहाँ कोई छोटा- … Read more

आह्वान गीत – नारी शक्ति को समर्पित

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आह्वान गीत अभी और लड़ाई लड़नी है,तुमको  अपने अधिकार की |चुप होकर मत बैठो तुम,भेरी भरो हुंकार की || कितनी सदियां बीत गईं,पर तुम्हें न वो सम्मान मिला |चिंतन करना होगा तुम्हें,अपने निरादर हार की || अभी और… आज भी तुम अपवित्र हो,मंदिर(सबरीमाला) में प्रवेश वर्जित है |कितनी कुत्सित-घृणित सोच है देखो इस संसार की … Read more

साँझ के हाइकु

हाइकु

साँझ के हाइकु 1 साँझ महके प्रिया जूड़े में फँसापिया को ताके ।। 2 साँझ पुकारे सूर्य शर्म से लाल चाँद जो झाँके ।। 3 साँझ का सूर्य बूढ़े की सुनो कोई देर क्यों हुई ? 4 रातें डराती प्रभू भजने लगी संध्या की ज्योति ।। 5 साँझ का मन थका , बुझा, रूठा सा … Read more