पुलवामा की घटना
पुलवामा की घटना देख,
देश बड़ा शर्मिंदा है।
धिक्कार हमारे भुजबल पर ,
अब तक कातिल जिन्दा है।
वो बार -बार हमला करते ,
हम शांति वार्ता करते है।
दुश्मन इस गफलत में है,
शायद हम उससे डरते है।
गीदड की औकाद ही क्या ,
जो हमको आँख दिखायेगा।
पीठ पर घाव दिया है ,
तो छाती पर भी खायेगा।
एक काम बस इतना करना ,
सेना को समझा देना।
इन हत्यारे कुत्तो की ,
छाती को छलनी बना देना।
हमने बेटा खोया है,
उनको भी खोना होगा।
अपने आंसू बहते है ,
उनको भी रोना होगा।
यही न्याय है यही धर्म है,
खून के बदले खून बहे।
दर्द जितना हम झेले है,
कष्ट उतना वो भी सहे।
पुलवामा भी याद करे ,
ऐसा बदला लेना होगा।
सर्जिकल स्ट्राइक कर ,
जवाब उनको देना होगा।
पंकज