दोहा सप्तक

doha sangrah

दोहा सप्तक                          *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को  मुरदा  करे , खुश हो  कैसे  राम ।।                         *जीवन  के सौन्दर्य से , जब  होगी पहचान ।पायेगा  तब ही  मजा , सचमुच  में इंसान ।।        .                 *समय लगे न चित्र रचे , झटपट रचना होय ।एक चरित्र  निर्माण में , … Read more

जिन्दगी पर कविता

जिन्दगी पर कविता जिन्दगी तो प्रेम की एक गाथा है,जिन्दगी भावुक प्रणय की छाँव है,जिन्दगी है वेदना की वीथिका सीजिन्दगी तो कल्पना की छुवन भर है। जिन्दगी है चन्द सपनों की कहानी,जिन्दगी विश्वास के प्रति सावधानी,जिन्दगी इतिहास है निर्मम् समय का जिन्दगी तो आँसुओं की राजधानी। जिन्दगी तो लहलहाती फसल सी हैजिन्दगी कल्पनाओं के सुनहरे … Read more

मिला जो आशियाना

मिला जो आशियाना मिला जो आशियानावह सर्द रातों में ठिठुरताआसरा ढूंढता पेड़ो के नीचेपेड़ भी तो टपक रहे हैंचीथड़े खोजता अपने लिएजिससे ढक सकेकम्पित बदन कोमसृण पात…बैरी बनेएक बूंद ….एक शीतल बूंदसिहरन पैदा करती अंतर तकश्वान से सटकरहल्की गर्माहट महसूस करताघुटने भी सिकुड़कर ,छू रहे चिबुक कोसांसो की भाप से तपाता,हस्त,नेत्रों कोनींद तो कहाँ?गुजर जाये … Read more

विजय पर कविता

विजय पर कविता जिस जीवन में संघर्ष न होविजय उसे नहीं मिल सकतीतेजस्वी वीर पुरुष के आगेअरिसेना नहीं टिक सकती।ललकार दो शत्रु को ऐसी तुमपर्वत का सीना टकराएसाहस हृदय में प्रबल रखोरिपु का मस्तक भी झुक जाए।सरहद पर दुश्मन बार-बारमाँ को आहत कर जाते हैंदुश्मन की ईंट बजाकर लालविजय पताका फहराते हैं।नित जूझते हैं संघर्षों … Read more

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता १.विश्वास सफल रिश्ते का साँस है विश्वासविश्वास की नींव परसंसार टिका है साहबकर विश्वास हर शख्स पर,पर खुद से ज्यादान करो कभी किसी पर विश्वास। २.अपेक्षा अपेक्षा रखते हैं बहुत हमकितने लोगों से किस हद तकअपेक्षाएं रिश्तों को बाँधती हैंपर जरुरत से ज्यादान रखो किसी से अपेक्षा। ३.महत्व तुच्छ से … Read more