आया है मधुमास- कुण्डलियाँ

आया है मधुमास *भँवरे गुंजन कर रहे, आया है मधुमास।**उपवन की शोभा बनें, टेसू और पलाश।**टेसू और पलाश, संग में चंपा बेला।**गेंदा और गुलाब, सजा रंगों का मेला।**फुलवारी अरु बाग, बसंती रँग में सँवरे।**पी कर नव मकरंद, गुँजाते बगिया भँवरे।।1* *पी कर जब मकरंद को, भ्रमर बैठते फूल।**वह पराग को  छोड़ते, मौसम के अनुकूल।**मौसम के … Read more

भँवरा

भँवरा मधु का अभिलाषी भँवराकरे मधुऋतु का इंतजारभर गई नव मुकुल गागरीचहुँ ओर चली है मंद बयार।पुष्प-पुष्प पर भ्रमर मंडराएगीत नव मिलन गुनगुनाएमकरंद भरी मंजरी हृदय परचिरंतन सुख मधुप को भाए।यौवन छा गया कुसुमों परमहकी कोंपल पुष्पों की डालीरसपान करे  मदमत्त हो भंवराकोकिल हो उठी है मतवाली।चिरप्रतीक्षित मकरंद पिपासातृप्त भ्रमर नवजीवन पायामधुरस के असीम आनंद … Read more

मेरी सोच

   मेरी सोच तुम्हारी सोच से अलगमेरी सोचतुम्हारे विचारों से जुदामेरी भावनाएँतुम्हारे रक्त से भिन्नमेरे खून का रंगऔर ….तुम्हारे चेहरे के विपरितमेरी परछाई का कदइस विश्व के उस पार भीकोई दुनिया बसती हैइस ब्रह्माण्ड से दूरबहुत दूर ….जहाँ कोई मसीहा रहता हैऔर जहाँ ….अनाज और रोटियों काभंडारा सा लगा रहता हैकल-कल निर्मल जल काएक दरिया सा … Read more

बेटियाँ

बेटियाँ बेटियां प्रकृति की देन है,बेटियां देवदूत,देव कन्याएँ है,कोमल इनकी भावनाएँ है,बेटियां अप्सराएँ है,लक्ष्मी, सरस्वती, सावित्री  है।बेटियां अन्नपूर्णा सी उपमाएँबेटियां वेदों सी पवित्र है,बेटियां संस्कारो की धरोहर है,बेटियां नव निर्माण की कल्पनाएँ ,बेटियां  ईश्रवर का लेख है।बेटियां खिलती कलियां है,बेटियां संस्कृति की परिचारक है,बेटियां संस्कारो की धरोहर है,बेटियां ज्ञान की सहस्त्र धाराएं है,बेटियां नव निर्माण … Read more

समय पर कविता -डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा

समय पर कविता तेरे पाँवों की जंजीरों को,पाजेब बना दूँ !हथकड़ियाँ तोड़ हथेलियों में,मेहंदी रचा दूँ !नाजुक कलाइयों में रंगीन,चूड़ियाँ खनका दूँ!माथे की शिकन पर,झिलमिल बिंदिया सजा दूँ ! हे कर्मशील स्त्री आ तुझे,वनिता बना दूँ!न घबरा,भयभीत न हो,न भूल अपनी शक्ति को,न खामोशी से सहती रह,जोर जबरदस्ती को! आ चल साथ मेरे,तुझसे तेरी पहचान … Read more