Category: अन्य काव्य शैली

  • चतुष्पदी (मुक्तक) क्या है ? इसके लक्षण व उदाहरण

    चतुष्पदी (मुक्तक) क्या है ? इसके लक्षण व उदाहरण

    चतुष्पदी (मुक्तक)—

    समान मात्राभार और समान लय वाली रचना को चतुष्पदी (मुक्तक) कहा गया है । चतुष्पदी में पहला, दूसरा और चौथा पद तुकान्त तथा तीसरा पद अतुकान्त होता है और जिसकी अभिव्यक्ति का केंद्र अंतिम दो पंक्तियों में होता है ! यूं कह सकते हैं कि शुरू के दो पदों में कोई बात शुरू की जाती है और अंतिम दो पदों में खत्म । यानि अगली पक्तियों की जरूरत ही न पड़े । मुक्तक मंच पर हम चतुष्पदी रचना पर चर्चा करेंगे।

    चतुष्पदी (मुक्तक) के लक्षण-

    १. इसमें चार पद होते हैं

    २. चारों पदों के मात्राभार और लय समान होते हैं

    ३. पहला , दूसरा और चौथा पद तुकान्त होता हैं जबकि तीसरा पद अनिवार्य रूप से अतुकान्त होता है

    ४. कहन कुछ इस तरह होती है कि उसका केंद्र बिन्दु अंतिम दो पंक्तियों में रहता है , जिनके पूर्ण होते ही पाठक/श्रोता ‘वाह’ करने पर बाध्य हो जाता है !

    ५. मुक्तक की कहन कुछ-कुछ  ग़ज़ल के शे’र जैसी होती है , इसे वक्रोक्ति , व्यंग्य या अंदाज़-ए-बयाँ के रूप में देख सकते हैं !

    उदाहरण :

    हकीकत छुपाने से क्या फायदा।

     गिरे को दबाने से क्या फायदा।

     अरे मुश्किलों से सदा तुम लड़ो,

     निगाहें बचाने से क्या फायदा।।

  • मनीभाई की भावनाएं

    मनीभाई की भावनाएं


    ●●●●●●●●●●●●
    हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।
    ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।
    विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति है ।
    मतभेद होने से रूठके चले जाना ,नहीं कवि प्रकृति है।

    मनीभाई

  • हाइकु- द्वितीय शतक

    हाइकु- द्वितीय शतक

    हाइकु- द्वितीय शतक

    हाइकु


    १.
    सत्ता का पेड़
    काग बनाए नीड़
    कोयल चूजे
    २.
    फाल्गुन संध्या
    बूँटे लिए बालिका
    जमी चौपाल
    ३.
    नदी का घाट
    स्नान भीड़ में वृद्ध
    पोटली भय
    ४.
    जल की प्याऊ
    सिर पर पोटली
    प्यासी बुढ़िया
    ५.
    विवाहोत्सव
    चौपाल में मध्यस्थ
    सिर पे बागा
    ६.
    नीम की छाँव
    बुढ़िया चारपाई
    पड़े बताशे

    शहरी पथ
    नग्न है फुटपाथ
    वस्त्रों में श्वान
    ८.
    चाँदनी रात
    बाराती की आतिश
    छान में आग
    ९.
    छान का घर
    रखे बया ने अण्डे
    गिलहरियाँ
    १०.
    अभयारण्य
    छटपटाए मृग
    बाघ की मूर्ति
    ११.
    बसंत मेघ
    ढोल बजाए ओला
    टीन छप्पर
    १२.
    गृह वाटिका
    पेड़ के बँधी डोरी
    सूनी कलाई
    १३.
    कार्तिक भोर
    धेनु,वत्स को दाना
    झाँकती बाला
    १४.
    गोप अष्टमी
    सड़क पर गाय
    हाथ में थाल
    १५.
    रक्षाबंधन
    कुश लिए देहाती
    जल अंजुलि
    १६
    खजूर पेड़
    झाड़न के तिनके
    बया का जोड़ा
    १७.
    फाग पूनम
    झुलसे बाला हाथ
    जौ की बालियाँ
    १८.
    गोधूलि वेला
    धागे में फँसा शुक
    उड़ान पथ
    १९.
    फाल्गुनी संध्या
    हरे चने लिए बच्चे
    किसान हँसा
    २०.
    कच्ची सड़क
    ठंठा नीर पिलाए
    भूखी बुढ़िया
    २१.
    खेल मैदान
    टिटहरी के अण्डे
    दौड़ी छात्राएँ
    २२.
    गेहूँ का खेत
    कपोत चुग्गा स्थल
    नन्ही बालिका
    २३.
    सोनार गढ़
    रेतीले राजपथ
    आँक के पौधे
    २४.
    पहाड़ी बस्ती
    पेड़ से गिरा ग्वाला
    भेड़ की ऊन
    २५.
    नदी किनारे
    घरौंदे में सीपियाँ
    लाश पे काग
    २६.
    अमलताश
    मधुमक्खी का छत्ता
    कपि मंथन
    २७.
    खेत सिंचाई
    सूखी घास झाड़ियाँ
    दियासलाई
    २८.
    ग्रीष्म की साँझ
    आग लगे घर में
    नाचती बाला
    २९.
    प्रथम वर्षा
    किसान की धरती
    खून के छींटे
    ३०.
    भादौ की वर्षा~
    केले का पत्ता बजा
    नाचे बालक
    ३१.
    चौके में माता
    तेल मसाला गंध
    पथ में छींक
    ३२.
    नीम में नीड़
    टहनी पर चढ़ी
    गलबहियाँ
    ३३.
    वन विहार
    भड़की दावानल
    युवा मंडली
    ३४.
    बुद्ध पूर्णिमा
    वर वधु संदेह
    स्वेद से भीगे
    ३५
    कमल ताल
    आलिंगित भ्रमर
    युवा रोमांच
    ३७.
    सावन तीज
    झूले पर किशोरी
    उड़े चुनरी
    ३८.
    बसंत भोर
    बजा ढोल का डंका
    टीन छप्पर
    ३९.
    बैसाख संध्या
    अन्न ढेरी को ढंकी
    भीगा कृषक
    ४०.
    प्रथम वर्षा
    मेड़ करे किसान
    हँसी बालिका
    ४१.
    बुद्ध पूर्णिमा
    विवाह के मंडप
    पुलिस दल
    ४२.
    ज्येष्ठ दशमी
    फेरों संग दम्पत्ति
    स्वेद में स्वप्न
    ४३.
    वर्षा का जल
    भीगे बालिका पैर
    पथ कंटक
    ४४.
    आम्र मंजरी
    फल कुतरे शुक
    बाज का पंजा
    ४५.
    फाल्गुन मेघ
    ढोल ताशे नगाड़ा
    पीपल पात
    ४६.
    हवामहल
    जालीदार भवन
    कपि युगल
    ४७.
    गृह वाटिका
    पेड़ के राखी बाँधी
    हँसी बालिका
    ४८.
    गोप अष्टमी
    झांके ग्वाल का घर
    गाय बछड़ा
    ४९.
    गोप अष्टमी
    बछड़े के तिलक
    प्लास्टिक थैली
    ५०.
    आम बागान
    वर्षा में भीगे वानर
    बया का नीड़
    ५१.
    ताजमहल
    वृद्धा बेचे तस्वीर
    अशोक वृक्ष
    ५२.
    बच्छ द्वादशी
    कार की दुर्घटना
    तड़पे गाय
    ५३.
    सावन तीज
    झूले पर किशोरी
    गोद मे स्वप्न
    ५४.
    प्रेम दिवस
    छात्र-छात्रा के शव
    हवाई किला
    ५५
    *बँधा युवक*
    *सजी ग्राम्य चौपाल*
    *नँगाड़ा गूँज*
    ५६.
    बैसाख साँझ
    कैरी जीरा चटनी
    ताजी रोटियाँ
    ५७.
    नीम की डाल
    बल खाए कोबरा
    चील का पंजा
    ५८.
    तिमनगढ़
    सैलानी पे झपटा
    चमगादड़
    ५९.
    फाग पूर्णिमा
    मेंहदी रचे हाथ
    बलूकड़ियाँ
    ६०.
    चैत्र की भोर
    हरियल प्रवासी
    पीपल फल
    ६१.
    होली दहन
    रक्त से सने हाथ
    जौं की बालियाँ
    ६२.
    बंजर भूमि
    ट्रैक्टर पर श्वान
    टिटहरियाँ
    ६३.
    विद्युत पोल
    वानर का मचान
    झूले पतंग
    ६४.
    भोर का तारा
    घुटने मध्य बाल्टी
    मुर्गे की बाँग
    ६५.
    कमल ताल
    आलिंगित भ्रमर
    खीर मखाना
    ६६.
    गोचर भूमि
    टिटहरी के अण्डे
    ग्वाल मवेशी
    ६७.
    रामनवमी
    भीगा धरतीपुत्र
    गेंहूँ फसल
    ६८.
    फाग के मेघ
    बिखरे पंछी शव
    बर्फ की पर्त
    ६९.
    फाग फुहार
    पसरी है फसल
    लोमड़ी पंख
    ७०.
    भादौ का ताप
    चूहा दाबे नागिन
    मयूर भोज
    ७१.
    तालछापर
    घर में रखी रोटी
    काला हरिण
    ७२.
    चमगादड़
    माँ की आँखो से नीर
    लौटा प्रवासी
    ७३.
    माघ पूर्णिमा
    वेणेश्वर का मेला
    अस्थि थैलियाँ
    ७४.
    बेटी दिवस
    झाड़ियों में बालिका
    स्वान उत्सव
    ७५.
    माँ की ममता
    नीम पर मर्कटी
    गोद में पिल्ला
    ७६.
    पद्मला ताल
    बाघिन का शिकार
    झूला मकर
    ७७.
    जोगी महल
    वन्य जड़ी बूटियाँ
    बाघ का नख
    ७८.
    गोरस धार
    घुटनो मध्य बाल्टी
    हाथ में थन
    ७९.
    चूरमा बाटी
    ऊपलों का जगरा
    आटे की पिण्डी
    ८०.
    चाँदनी रात
    पीठ पर बकरी
    चोर जरख
    ८१.
    चैत्र मध्यान्ह
    नीम डाल पे तोते
    विरहा आह
    ८२.
    देवशयनी
    मंडप संग पंगत
    थाली में भेक
    (भेक=मेढ़क)
    ८३.
    अक्षय तीज
    विवाह का मंडप
    हथकड़ियाँ
    ८४.
    सावन वर्षा
    बया नीड़ का टोपा
    खेत हरषा
    ८५.
    मिट्टी का चूल्हा~
    माँ के हाथ में रोटी
    मक्खन बड़ा
    ८६.
    पुष्कर मेला
    बाजरे की रोटियाँ
    नाचे प्रवासी
    ८७.
    दादुर ध्वनि
    छप्पर पर वृद्ध
    हाथ में पानी
    ८८.
    अमा की रात
    उजड़ा बया नीड़
    मिट्टी चमकी
    ८९.
    भादौ के मेघ
    चींटियाँ ढोये अण्डे
    तीतर मैना
    ९०.
    बैसाख भोर
    पत्तों पर अंजीर
    बाल जीमण
    ९१
    ज्येष्ठ की ताप
    घट मतीरा क्यारी
    सत्तू शक्कर
    ९२.
    चंद्र ग्रहण
    कटी चाँदी की थाली
    गेरुआ छींटे
    ९३.
    आसोज साँझ
    टिड्डे लपके स्वान
    प्रकाश पथ
    ९४.
    फाग में ओले
    बिखरे पंख रंग
    पथ पे रूई
    ९५.
    शीत लहर
    वृद्धा के हाथ काँपे
    तीली माचिस
    ९६.
    प्रेम दिवस
    वृद्धाश्रम के द्वार
    माँ बाप साथ
    ९७.
    रास पूर्णिमा
    खीर से भरा दोना
    खाँसे बुजुर्ग
    ९८.
    कार्तिक साँझ
    चौक लीपे बालिका
    पीठ पे शिशु
    ९९.
    कसैलापन
    माँ के हाथ में शीशी
    शिशु की चीख
    १००.
    ठूँठ झंखाड़
    चिड़िया का घोंसला
    बिखरेअण्डे
    . °°°°°°°°
    ✍©
    बाबू लाल शर्मा ,बौहरा *विज्ञ*
    वरिष्ठ अध्यापक
    सिकंदरा,दौसा, राजस्थान

  • हाइकु प्रथम शतक

    हाइकु प्रथम शतक

    हाइकु शतक

    हाइकु
    hindi haiku || हिंदी हाइकु

    १.
    खेत में डेरा
    हाथ में मोटी रोटी
    दूध की डोली

    तेल बिनौरी
    सिर पर छबड़ी
    गीत गुंजन

    होली के रंग
    चौपाल पर ताश
    चंग पे भंग
    ४.
    नीम का पेड़
    वानर अठखेली
    दंत निंबोली

    सम्राट यंत्र
    धूप घड़ी देखता
    विद्यार्थी दल

    संग्रहालय
    कांँच बाँक्स में ‘ममी’
    उत्सुक छात्रा

    गुलाब बाग
    पैंथर पिँजरे में
    कूदे वानर

    मोती मंगरी
    तोप पे लेते सेल्फी
    सैलानी बाला

    विजय स्तंभ
    सैलानी लेते फोटो
    पद्मिनी ताल
    १०.
    पुष्कर मेला
    बैलगाड़ी में बैठे
    विदेशी बाला
    ११
    आना सागर
    कीकर छाँव बैठा
    रेत पे मृग
    १२
    सिंधु का तट
    कछुए और अण्डे
    मछली गंध
    १३
    रामनवमी
    श्रम में पसीजता
    भीगा किसान
    १४
    शीतलाष्टमी
    पीपल पीले पात
    पूरी पक्वान्न
    १५
    चैत्र की अमा
    दूल्हे जैसी पोषाक
    सजी बालिका
    १६
    गौरी पूजन
    गौ के चारे में दूब
    नचे बालिका
    १७
    चैत्र अष्टमी
    थाली में पुए खीर
    पानी का झारा
    १८
    रणथम्भौर
    शिला पे अश्व खुर
    बाघ विहार
    १९
    आम्रमंजरी
    बालकों की पंगत
    झड़ी कैरियाँ
    २०
    लौकी रायता
    छप्पर पर बाँस
    प्याले में दही
    २१
    रसमलाई
    गौशाला में टंकियाँ
    चीनी का डिब्बा
    २२
    खीर जलेबी
    रावण का पुतला
    कन्या पूजन
    २३
    बैंगन भुर्ता
    दादी के हाथ मिर्च
    सिल पे बट्टा
    २४
    पुस्तकालय
    ढाबे पर विद्यार्थी
    हाथ में चाय
    २५
    आलू टिकिया
    तवे पर पराँठा
    भीड़ में बाला
    २६
    ग्रीष्म भोर
    बाला के हाथ रोटी
    दही की प्याली
    २७
    सावन वर्षा
    देश भक्ति संगीत
    ध्वज सलामी
    २८
    शीत लहर
    शाला में छात्रा नृत्य
    तिरंगा लहरे
    २९
    बथुआ भाजी
    दही भरा कटोरा
    सेंकते जीरा
    ३०
    मेथी के लड्डू
    छाछ को बिलोती माँ
    गोद मे शिशु
    ३१
    मक्का का खेत
    छूँछे में पिरो पंख
    उछले बाला
    ३२
    सूर्य ग्रहण
    छत पे काले चश्मे
    शोधार्थी छात्र
    ३३
    शुक्ल यामिनी
    माँ बेटी छत पर
    रचे मेंहदी
    ३४
    आकाश गंगा
    माता दिखाए ग्लोब
    महासागर
    ३५
    ग्राम्य सड़क
    गठरी लिए वृद्धा
    गोद में शिशु
    ३६
    चिकित्सालय
    कमरे में कंकाल
    खाँसती कुर्सी
    ३७
    श्मशान घाट
    वर्षा में रोपे वृद्ध
    वट का पौधा
    ३८
    करवा चौथ
    चक्र पे गीली मिट्टी
    हाथ में धागा
    ३९
    संध्या लालिमा
    बगीचे में किशोर
    हाथ में पव्वा
    ४०
    अनाज मंडी
    गाये बैलगाड़ियाँ
    भीगे अनाज
    ४१
    चैत्र की भोर
    लोटे में दूर्वा फूल
    कोमल हाथ
    ४२
    जन्म दिवस
    शीश पटल पर
    चल संदेश
    ४३
    चैत्र की भोर
    कागले उड़ा रही
    नवयौवना
    ४४
    चैत्र की दूज
    स्त्री के हाथ में थाली
    रोली चावल
    ४५
    आँख में आँसू
    शहीद की प्रतिमा
    हाथ मे राखी
    ४६
    होलिका साँझ
    जलती आग पर
    फूलों का हार
    ४७
    अल्फ्रैड पार्क
    मूछों पर ऐंठन
    यज्ञोपवीत
    ४८
    महासागर
    ग्लोब पर श्री लंका
    नीली सतह
    ४९
    छाछ राबड़ी
    चुनरी पे जौं सूखे
    छाछ करे माँ
    ५०
    नीम की छाल
    शिशु के फुंसी पर
    निमोली आम्र
    ५१
    आँक का दूध
    रूई से भरे डोडे
    ऊँट का भोज
    ५२
    धतूरा बीज
    शिव पिण्डी पे भोग
    बाँधते पत्ते
    ५३
    मतीरा क्यारी
    मेड पे बैठी वृद्धा
    बीज से गिरी
    ५४
    कार्तिक संध्या
    खेत में दौड़े चूहे
    बाज झपट्टा
    ५५
    आश्विन भोर
    नीलकण्ठ दर्शन
    चारे के ढेर
    ५६
    खेत में डेरा
    गले लटकी बाल्टी
    ऊँटनी दुग्ध
    ५७
    आश्विन भोर
    खेत में बाल श्रम
    मयूर पिच्छी
    ५८
    दीपयामिनी
    बालिका लिए दीप
    नई चूनर
    ५९
    अमरबेल
    शरणार्थी शिविर
    आटे के बोरे
    ६०
    चैत्र की भोर
    शंखपुष्पी पंचांग
    दूध में लस्सी
    ६१
    चैत्र यामिनी
    वट में मधु बाल्टी
    हाथ में धुआँ
    ६२
    जैवन्ती लता
    पत्ते पर सुपारी
    सौंफ सुगंध
    ६३
    भोर का तारा
    गृहिणी को देखती
    रंभाए गाय
    ६४
    मूँगफल्लियाँ
    भट्टी पर कड़ाही
    फैले छिलके
    ६५
    बास्ता की गंध
    बाँस के झुरमुट
    खिले कलियाँ
    ६६
    कुहासा भोर
    खेत में नीलगाय
    भिड़े वाहन
    ६७.
    रंग पंचमी
    बाला के हाथ पैर
    सजे मेंहदी
    ६८.
    पहाड़ी गाँव
    किसानों के समूह
    लकड़बग्घा
    ६९.
    ज्येष्ठ की भोर
    बोनसाई में आम
    शांत कूलर
    ७०.
    शीशम छाँव
    वृद्ध के कंधे शिशु
    चौकी पे हाँडी
    ७१.
    गोंद के लड्डू
    चौके में माँ के साथ
    भाई बहिन
    ७२.
    कुंभलगढ़
    मास्क पहने खड़े
    रिक्शा चालक
    ७३.
    विद्युत तार
    कबूतर पंक्तियाँ
    उल्लू का स्वर
    ७४.
    अक्षय तीज
    हुआ घूमर नृत्य
    चाक पूजन
    ७५.
    देवउठनी
    दीपक पर थाली
    कजरी आँखे
    ७६.
    गंगा दशमी
    माँ बेटी को चूनर
    कलंगी साफे
    ७७.
    गेंहूँ का खेत
    झोपड़ी में बालिका
    रस्सी पटली
    ७८.
    नकाब पोश
    कोरोनो रोग जाँच
    सहमे लोग
    ७९.
    नँगाड़ा ध्वनि
    फाग मे ओलावृष्टि
    आँखों में जल
    ८०
    फागुनी भोर
    ओस में भीगी कली
    मोर कोयल
    ८१
    फाग के रंग
    बाला के हाथ थाली
    रोटी पे ओले
    ८२
    छान का घर
    ओलों से वृद्धा बची
    थाली की ओट
    ८३.
    गाड़ी में घर
    चूल्हे में वर्षा जल
    घन का स्वर
    ८४.
    साँभर झील
    टोंटी पर मवेशी
    नमक चूरा
    ८५.
    चाँदनी रात
    बबूल पे मोरनी
    ताके तेंदुआ
    ८६.
    जीवन बीमा
    बाँस की झोंपड़ियाँ
    वृद्धा की हँसी
    ८७
    मुख पे मास्क
    गहनों के विक्रेता
    आँखों में नीर
    ८८.
    नारी दिवस
    चूल्हा फूँकती बाला
    आँखों में डोरे
    ८९
    नारी दिवस
    बस में भरी भीड़
    नवीन वस्त्र
    ९०
    नारी दिवस
    पुल का उद्घाटन
    पिलाये नीर
    ९१.
    नारी दिवस
    दूध दुहती वृद्धा
    पीठ पे शिशु
    ९२.
    नारी दिवस
    गार्गी सम्मान पत्र
    मंच पे बेटी
    ९३.
    अर्द्धयामिनी
    पथ में काला घट
    चौमुखा दीप
    ९४.
    बाल दिवस
    लिये दीये की तुला
    सुने भाषण
    ९५.
    करील गंध
    रसोईघर में माँ
    बरनी में तेल
    ९६.
    ईख का रस
    नींबू तोड़े बालिका
    घूमे चरखी
    ९७.
    धूप दशमी
    घी मरा मर्तबान
    प्रेम सुगंध
    ९८.
    चैत्र की भोर
    कन्या के भाल टीका
    झारे में दूर्वा
    ९९.
    फाग पूर्णिमा
    बालिका के मेंहदी
    खील बतासे
    १००
    होली का डाँडा
    झूमें पकी सरसों
    खड़ा बिझूका

  • मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

    मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

    हाइकु

    हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

    ४०१/
    शम्मी के पेड़
    धनिष्ठा वसु व्रत
    मंगल स्वामी


    ४०२/
    मंडलाकार
    सौ तारे शतभिषा
    राहु की दशा।

    ४०३/ रोपित करें
    पूर्व भाद्रपद में
    आम्र का वृक्ष।

    ४०४/
    मांस का दान
    उत्तरा भाद्रपद
    पूजा निम्ब के ।

    ४०५/
    कांसे का दान
    रेवती पूषा व्रत
    महुआ पूजा।

    ४०६/
    श्रीराम जन्म
    अभिजीत जातक
    है भाग्यशाली ।  

    ४०७/ सांध्य का तारा
    शुक्र बन अगुआ
    लड़े अंधेरा ।

    ४०८/
    तरू की मुट्ठी
    धंस चली धरा में
    बचाने पृथ्वी ।

    ४०९/
    सौर मंडल
    बुध लगे अनुज।
    गुरू अग्रज।

    ४१०/ बने नौ ग्रह
    हुआ महाविस्फोट
    सृष्टि कोख में ।

    ४११/
    पूर्णिमा रात
    प्रतिशोध में केतु,
    लगाये घात।

    ४१२/
    अमावस में
    राहू बैरभाव से
    है तलाश में ।

    ४१३/
    जन विस्फोट
    पृथ्वी हांफती लदी
    मंगल आश।

    ४१४/ अनोखा शनि
    नजारा है सुंदर
    नजर बुरी।

    ४१५/ धन तेरस
    बाजार की चमक
    स्वर्ण के जैसा ।

    ४१६/
    रास पूर्णिमा
    चाँद सोलह कला
    अमृत वर्षा।

    ४१७/ ऋषि पंचमी 
    चुनरी ओढ़े सृष्टि
    पीताम्बर की।

    ४१८/
    आठें कन्हैया
    जन्मदिन प्रभु का
    बंशी बजैया।

    ४१९/ भातृ द्वितीया
    यमी स्नेह से भरी
    यम के प्रति ।

    ४२०/
    करवा चौथ
    दीर्घायु हो सुहाग
    निर्जला व्रत

    ४२१/
    कृपा आपकी
    छत्रछाया आपका
    गुरु की सदा

    ४२२/ राम नवमी
    पावन तीर्थ स्नान
    हो पुण्य भागी।

    ४२३/
    है स्वतंत्रता
    बचा नहीं बहाना
    तू आगे बढ़।

    ४२४/ घना अंधेरा
    पर जुगनू की लौ
    मिटेगी नहीं ।।

    ४२५/ सपने देखो
    तुम जागते हुए
    वही फलेंगे।।

    ४२६/ युवा चेतना
    गिर पड़ा खाई में
    कौन उबारे?

    ४२७/
    प्रेरणा पथ
    खुले पग पग में
    चलें परख ।।

    ४२८/ मीठी जुबानी
    चुम्बकीय खिंचाव
    शीतल छांव।।

    ४२९/ है स्वाभिमान
    सबसे बड़ी पूंजी
    जीवन कुंजी ।।

    ४३०/
    फल की खोज
    बिन कर्म फूल के
    संभव नहीं ।  

    ४३१/ जिन्दगी घड़ी
    फिसलती रेत सी
    मुट्ठी से दूर।।

    ४३२/ बादल आये
    जग को नहलाने
    प्यास बुझाने ।।

    ४३३/ मानव यंत्र
    भूल चला है जीना
    घिसता पुर्जा।।

    ४३४/ दाना दिवाला
    पौधा न बन सका
    हुआ निवाला।

    ४३५/ नभ के खग
    नापते रहते धरा
    ढूँढते सिरा ।।

    ४३६/ सब एक हैं  ।
    निरा मानव छोड़के
    कैसी है बुद्धि ?

    ४३७/ सर्वविदित
    गुरूओं की महत्ता
      पग वंदन।

    ४३८/ मिटे दुविधा
    गुरू की संगत में
    निर्भय मन ।

      ४३९/ शिष्य की राह
    गुरू की दिशा ज्ञान
    बिछे चमन।

    ४४०/ नहीं सहज
    मिलते सच्चे गुरू
    कर्म मगन।

    ४४१/ शरद ऋतु

    अमृत की फुहार

    भीगे संसार।


    ४४२/ ये कैसी शिक्षा?
    बना रही बेकार
    है भटकाव।


    ४४३/
    मन – लालसा
    सीमाहीन गगन,
    भरे उड़ान ।                                 ✍मनीभाई”नवरत्न”