Category: अन्य काव्य शैली

  • हाइकु त्रयी

    हाइकु त्रयी

    हाइकु त्रयी

    हाइकु
    hindi haiku || हिंदी हाइकु

    [१]
    कोहरा घना
    जंगल है दुबका
    दूर क्षितिज!

    [२]
    कोहरा ढांपे
    न दिखे कुछ पार
    ओझल ताल

    [३]
    हाथ रगड़
    कुछ गर्माहट हो
    कांपता हाड़

    निमाई प्रधान’क्षितिज’*

  • गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव – बाबूराम सिंह

    गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव – बाबूराम सिंह

    गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव

    goverdhan shri krishna

                         
    जन्म  उत्सव मोहन का,  देखन देव महान।
    भेष  बदल  यादव  बनें  ,यशोदा के मकान ।।

    सब  देवों  की नारियाँ ,ले मन  पावन  प्रीत।
    बनी  रूप  तज  गोपियाँ ,गाती  मंगल गीत।।

    रमे   मुरारी   प्रेम   में , बैठे   शम्भु   उदास।
    चलो नाथ गोकुल चलें,कहीं सती आ पास।।

    शम्भु  मदारी  बन  गये , डमरू लेकर  हाथ।
    गोकुल  नगरी चल पड़े  ,गौरा जी  के साथ।।

    दासी  बन  गौरा  सती , छोड़ी शिव का संग।
    किये  तमाशा  व्दार शिव, खूब  जमाये रंग।।

    डमरू  के आवाज  सुन , रोवे  कृष्ण   मुरार।
    भगा दिये शिवको सभी,डांट-डपट फटकार।।

    बिना कृष्ण दर्शन  किये ,लौटे शिव पछतात।
    लखकर गौरा  खुश  हुई ,घुम  रहीं  मुस्कात।।

    पुनः  शम्भू  जी बैठकर, मोहन का धर ध्यान।
    हाथ  लिये  पतरा  चले, बन ज्योतिषी महान।।

    जाय महल में कृष्ण का,भविष्य कहें सुजान।
    यशुमति मईया सुन सुन ,छोड़े  मन्द मुस्कान ।।

    कृष्णजन्म सुखमूल अति,है अनुपमअभिराम।
    लख  सुन अनुभव  कर सदा ,कहता बाबूराम।।

    बाबूराम सिंह कवि
    बडका खुटहाँ,विजयीपुर

  • अंग्रेजी नव-वर्ष- अभिनंदन

    अंग्रेजी नव-वर्ष- अभिनंदन

    कुण्डलिया

    🚩१.🚩
    कहें तेईस अलविदा, स्वागत है नववर्ष|
    मंगल मोद मना रहे़ं , है प्रतीक्षा सहर्ष ||
    है प्रतीक्षा सहर्ष, स्वप्न चौबीस के सजे|
    हर्षित जनमन‌ आज, नूतन संवत् विराजे||
    विनय करे ‘गोपाल’ , खुशी बाँटते सब रहे़ं।
    अंग्रेजी वर्ष की ,शुभेच्छा भी सभी कहें ||

    🚩२.🚩

    मंगलमय  नववर्ष  हो, खुशमय हो परिवार।
    घर में मिल-जुल कर रहें,बाँटें सबको प्यार।।
    बाँटें सबको प्यार, सब बनिए परम प्रबुद्ध।
    नया साल कीजिए,तन मन को निर्मल,शुद्ध।।
    विनय करे गोपाल,हो हर्षित मुदित मधुमय।
    यूं करलें कुछ काम, हो नव वर्ष मंगलमय ।।

    ✍️आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला (बरबीघा वाले)

  • अवि के हाइकु

    अवि के हाइकु

    अवि के हाइकु

    अवि के हाइकु

    जीवन पथ
    प्रेम और संघर्ष
    दुलारा बेटा

    मनमोहन
    बलिहारि जाँऊ मैं
    तेरी मुस्कान

    मां हूँ मैं
    लड़ूंगी भूख से मैं
    ये अग्निपथ

    समर्पित है
    तुझ पे ये जीवन
    राज दुलारा


    ©अवि
    अविनाश तिवारी
    जांजगीर चाम्पा

  • राख विषय पर हाइकु -रमेश कुमार सोनी

    राख विषय पर हाइकु -रमेश कुमार सोनी

    राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी

    हाइकु
    hindi haiku || हिंदी हाइकु


    1
    मोक्ष ढूंढने
    चला – चली की बेला
    राख हो चला ।।

    2
    राख का डर
    जिंदगी ना रुकती
    मौत है सखी ।।

    3
    पानी जिंदगी
    अग्नि , राख की सखी
    नहीं निभती ।।

    4
    राख बैठे हैं
    भूखे – प्यासे बेचारे
    शमशान गाँव ।।

    5
    राख तौलते
    सब राख के भाव
    तेरा ना मेरा ।।

    6
    राख हो जाने
    जिंदगी का श्रृंगार
    चार दिन का ।।

    7
    राख में उगे
    आशा के दूब हरे
    श्रम का भाग्य ।।