हाइकु त्रयी
हाइकु त्रयी [१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज! [२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल [३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़ निमाई प्रधान’क्षितिज’*
हाइकु त्रयी [१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज! [२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल [३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़ निमाई प्रधान’क्षितिज’*
गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव जन्म उत्सव मोहन का, देखन देव महान।भेष बदल यादव बनें ,यशोदा के मकान ।। सब देवों की नारियाँ ,ले मन पावन प्रीत। बनी रूप तज गोपियाँ ,गाती मंगल गीत।। रमे मुरारी प्रेम में , बैठे शम्भु उदास।चलो नाथ गोकुल चलें,कहीं सती आ पास।। शम्भु मदारी बन गये , डमरू लेकर हाथ।गोकुल … Read more
अंग्रेजी नव-वर्ष- अभिनंदन कुण्डलिया 🚩१.🚩कहें तेईस अलविदा, स्वागत है नववर्ष|मंगल मोद मना रहे़ं , है प्रतीक्षा सहर्ष ||है प्रतीक्षा सहर्ष, स्वप्न चौबीस के सजे|हर्षित जनमन आज, नूतन संवत् विराजे||विनय करे ‘गोपाल’ , खुशी बाँटते सब रहे़ं।अंग्रेजी वर्ष की ,शुभेच्छा भी सभी कहें || 🚩२.🚩 मंगलमय नववर्ष हो, खुशमय हो परिवार।घर में मिल-जुल कर रहें,बाँटें सबको … Read more
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा
राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी 1 मोक्ष ढूंढने चला – चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती ।। 4 राख बैठे हैं भूखे – प्यासे बेचारेशमशान गाँव ।। 5 राख तौलते सब … Read more