संस्कार पर कविता

संस्कार पर कविता अहो,युधिष्ठिर हार गया है,दयूत् क्रीड़ा में नारी को,दुःसाशन भी खींच रहा है,संस्कारों की हर साड़ी को। अपनी लाज बचाने जनता,सिंहासन से भीड़ जाओ तुम,भीख नही अधिकार मांगने,कली काल से लड़ जाओ तुम,विपरित काल घोर कलयुग है,ना याद…

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो क्यूँ  झूठा  प्यार  दिखाते  हो ….दिल  रह  रह  कर  तड़पाते  हो .. गैरों  से  हंसकर  मिलते  होबस  हम  से  ही  इतराते  हो घायल  करते  हो  जलवों  से …नज़रों  के  तीर  चलाते  हो … जब  प्यार …

भारत का लाज बन जायें

भारत का लाज बन जायें भारत का लाज बन जायें।मुल्क की नाज बन जायें।युग – युग अमर कहानेभारत का लाल बन जायें। प्रण करें करबद्ध चित,नित प्रतिदिन करते नमन।सदैव ही मेरे वतन का,इस धरा पर मैं लूँ जनम। प्रेम के…

फरियादी हो (बेटी पर कविता)

फरियादी हो (बेटी पर कविता) आज कोख की बेटी ही,अब पूछे बन फरियादी हो। बिना दोष क्यों बना दिया है,मुझको ही अपराधी हो। ईश विधान जन्म मेरा फिर,तुम क्यों पाप कमाते हो।सुख दुःख का अनुमान लगा,हत्यारे बन जाते हो।आज कोख……।…

लबों पे है तेरा नाम

लबों पे है तेरा नाम लब  पे नाम  तेरा सुमिरूँ मैं सुबह शाम मोहन  मेरे  श्याम । आँखों  में तुम बसे होसाँसों की माला  में ओ मोहन  बस तेरा ही  नाम । तुम जगत  नियंता भक्तों को प्यारे ।हे गोविन्द  मेरे…