विश्वास के पुल – सन्त राम सलाम
विश्वास के पुल उफनती नदी में उमड़ता सैलाब, पुलिया के नीचे पानी गहरा है।बीच मझधार में फँसा है जीवन, विश्वास के पुलिया पर ठहरा है।। जीवन मृत्यु दो छोर जीवन के, जहाँ पर पाँच तत्वों का पहरा है।सजग हवा सोते हैं साँसों पर, तब तब ही यह जीवन कहरा है।। धूप और छाँव में बीतता … Read more