मनीलाल पटेल की लघु कविता
मनीलाल पटेल की लघु कविता किसके बादल? स्वप्न घरौंदे तोड़के उमड़ता, घुमड़ता ।। बिना रथ के नभ में ये घन किसे लड़ता? नगाड़े ,आतिशबाजी नभ गर्जन है शोर । सरपट ही जा रहा किसके हाथों में डोर? भीग रहे, कच्ची ईंटें पकी धान की फसल किसान का ये नहीं तो, भला किसके बादल? मनीभाई नवरत्न, … Read more