अपने पापा की मैं हूँ – ताज मोहम्मद

प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक अपने पापा की मैं हूँ। है जोकि ताज मोहम्मद की रचना है. इसे बेटी को आधार मानकर रची गयी हैं”.

एक लोरी- माँ के नाम

बचपन में माँ हमें लोरी सुनाती है माँ के बड़े होने पर वह रात मे सो नही पाती तब उसे सुलाने केलिए किए गये जतन का चित्रण

अशक्तता पर विजय – आशीष कुमार

प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक “अशक्तता पर विजय” है जो कि आशीष कुमार मोहनिया, बिहार की रचना है. इसे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में दिव्यांग व्यक्ति के स्वाभिमान पूर्वक जीवन जीने की ललक एवं चेष्टा को आधार मानकर लिखा गया है.

विश्व एड्स दिवस पर कविता

विश्व एड्स दिवस पर लेख   एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध  है,  इस बीमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है। एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े … Read more

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ एक अंकुरित पौधा एक अंकुरित आम , पड़ा था सड़क किनारे ।आते जाते लोग , सभी थे उसे निहारे ।।खोज रहा अस्तित्व , उठा ले कोई सज्जन ।दे दे जड़ को भूमि , लगा दे लेकर उपवन ।।करता वह चीत्कार है , जीना चाहूँ मैं सुनो ।मुझे सहारा दो तनिक … Read more