किरीट सवैया पर कविता
किरीट सवैया पर कविता भारत भव्य विचार सदा शुभ, भारत सद् व्यवहार सदा शुभभारत मंगल कारक है नित, भारत ही हित कारक है शुभ।भारत दिव्य प्रकाश सदा शुभ, भारत कर्म प्रधान सदा शुभ।भारत भावन भूमि महा शुचि, भारत पावन धार…

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
किरीट सवैया पर कविता भारत भव्य विचार सदा शुभ, भारत सद् व्यवहार सदा शुभभारत मंगल कारक है नित, भारत ही हित कारक है शुभ।भारत दिव्य प्रकाश सदा शुभ, भारत कर्म प्रधान सदा शुभ।भारत भावन भूमि महा शुचि, भारत पावन धार…
समर शेष है रुको नहीं समर शेष है रुको नहींअब करो जीत की तैयारीआने वाले भारत कीबाधाएँ होंगी खंडित सारी ,राजद्रोह की बात करे जोउसे मसल कर रख देनादेशभक्ति का हो मशाल जोउसे शीश पर धर लेना,रुको नहीं तुम झुको…
रफ़्ता-रफ़्ता मेरे पास आने लगे रफ़्ता-रफ़्ता मेरे पास आने लगेहर कहीं हम यहाँ गुनगुनाने लगेप्यार की अधखुली खिड़कियों की डगरएक दूजे में हम सामने लगे.इस जनम के ये बन्धन गहराने लगेदूर रहकर भी वो मुस्कुराने लगेग़म यहाँ कम मिलेगा हमारे…

फिर बोलें भारत माँ की जय हिमाच्छादित उत्तुंग शिखरभारत माँ के प्रहरी हैं प्रखर।देखी जब माँ की क्लांत दशापूछा, माँ क्या है तेरी व्यथा ?क्यों हृदय तुम्हारा व्याकुल हैक्यों भरे नयन, कुछ बोलो तो ! क्या बोलूँ , मेरी आँखों…

हिन्द देश के अंबर पर नव सज्जित आज विहान है हिन्द देश के अंबर परनव सज्जित आज विहान हैहर्षित हो लहराए तिरंगादेशप्रेम में डूबा देश जहान है। आजादी के दीवानों नेसंविधान निर्माण की ठानी थीऊँच नीच का भेद नहीं थाउन्मुक्त…

भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं मिलकर आओ जग में हम सब, भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं।….माँ भारती के सब भारतवासी , सदा सदा गुण गाते हैं।।जब आजादी की अलख जगी, वीरों ने प्राण गवाये थे।यह मातृभूमि की रक्षा को, वे…
आजादी की लड़ाई में विशेष महिलाओं की भूमिका बताती हुई ये कविता
चंदा मामा दूर हैं चंदा मामा दूर हैं , पर हम तो मजबूर है। कैसे आए पास में, हम लगे हैं यह ही प्रयास में हम जब भी आगे बढ़ते हैं,तुम आगे बढ़ जाते हो।रुककर देखें जब भी तुमको,तुम ऊपर चढ़ जाते हो।कभी…
तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं नैनों से नीर बहाऊंवीर शहीदों तुमको मैं शत-शत शीश नवाऊं|तुम्हें श्रद्धा सुमन….. धन्य है वो माता जिसने तुमको जन्म दियाधन्य पिता वो जिसने बेटा बलिदान कियाऐसे मात पिताओं पे मैं नित बलि-…
मौत पर कविता जिस दिन पैदा हुआउसी दिनलिख दिया गया थातेरे माथे पर मेरा नाम ।दिन, तिथि ,जगह सब तय थाउसी दिन।हर कदम बढ़ रहा था तेरामेरी तरफ।पल पल ,हर पल ।।तेरी निश्छल हँसीतेरा प्यारा बचपन देखकरतरस आता था मगरसत्य…
अनेकों भाव हिय मेरे अनेकों भाव मन मेरे, सदा से ही मचलते हैं।उठाता हूँ कलम जब भी, तभी ये गीत ढलते हैं।पिरोये भाव कर गुम्फित, बनी है गीत की मालाकई अहसास सुख-दुख के, करीने से सजा डाला।समेटे बिंब खुशियों के,…
तुमने पत्थर जो मारा चलो तुमने पत्थर जो मारा वो ठीक था।पर लहर जो क्षरण करती उसका क्या? पीर छूपाये फिरता है खलल बनकर तू,विराने में आह्ह गुनगुनाये उसका क्या? बेकार…कहना था तो नज़र ताने क्यों?गौर मुझ पे टकटकी लगाए…