Jai Sri Ram kavitabahar

मेरा मन लगा रामराज पाने को /मनीभाई नवरत्न

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मेरा मन…

मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर

मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर मैं उड़ता पतंग ….मुझे खींचे कोई डोर।तेरी ही ओर।।मेरा टूट न जाए धागा।भागा ….भागा…भागा ….मैं खुद से भागा।जागा.. जागा….जागा.. कभी सोया कभी जागा ।कुछ ख्वाहिशें हैं ,कुछ बंदिशें हैं।पग-पग में देखो साजिशें है…

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सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न

सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न सिमटी हुई कली ,मेरे आंगन में खिली।शाम मेरी ढली,तब वह मोती सी मिली।रोशनी छुपाए जुगनू सासारी सारी रात मेरे घर में जली । चंचलता ऐसी जैसे कोई पंछीओढ़े हुए आसमां की चिर मखमली।खुशबू फैल जाए जहां…

संस्कार नही मिलता दुकानों में-परमानंद निषाद “प्रिय”

संस्कार नही मिलता दुकानों में – परमानंद निषाद “प्रिय” माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार। संस्कार दिये नहीं जाते है।समाज के भ्रष्टाचारों से।संस्कार हमको मिलता है।माता-पिता,घर-परिवार से। बुजुर्गो का सम्मान…

अंकुर-रामनाथ साहू ” ननकी “

अंकुर अंकुर आया बीज में , लेता नव आकार ।एक वृक्ष की पूर्णता , देखे सब संसार ।।देखे सब संसार , समाहित ऊर्जा भारी ।अर्ध खुले हैं नैन , प्रकृति अनुकूलन सारी ।।कह ननकी कवि तुच्छ , प्रगट होने को…