यह पतन का पाशविक उत्थान /रेखराम साहू
यह पतन का पाशविक उत्थान है शीर्ष से आहत हुआ सोपान है,भूमिका का घोर यह अपमान है। झुर्रियों का जाल है जो भाल पर,काल से संघर्ष का आख्यान है। पारितोषिक में अनाथालय उसे,उम्र भर जिसने किया बलिदान है। युद्ध का ज्वर,ज्वार है वर्चस्व का,यह पतन का पाशविक उत्थान है। बाढ़ आई थी यहाँ आतंक … Read more