by कविता बहार | Feb 28, 2024 | हिंदी कविता
जलती धरती/ रितु झा वत्स JALATI DHARATI विशुद्ध वातावारण हर ओरमची त्रास जलती धरती धूमिल आकाश पेड़ पौधे की क्षति होरही दिन रात धरती की तपिश कर रही पुकार ना जानेकब बरसेगी शीतल बयार प्लास्टिक की उपयोग हो रही लगातार दूषित हो रही हर कोना बदहाल जलती धरती सह रही...
by कविता बहार | Feb 28, 2024 | हिंदी कविता
ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार JALATI DHARATI ईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित कर रहे हैंकाटे जा रहे हैं पेड़ जंगलों के,सुखा के इन्सान खुश हो रहा हैआते – जाते मौसम बिगाड़ रहा है हरी- भरी भूमि में निरंतर रसायन मिला रहा...
by कविता बहार | Feb 28, 2024 | हिंदी कविता
दिवस पर्यावरण मना रहे हैं/मंजूषा दुग्गल जलाकर पेड़-पौधे वीरान धरती को बना रहे हैंइतनी सुंदर सृष्टि का भयावह मंजर बना रहे हैंकाटकर जंगल पशु-पक्षियों को बेघर बना रहे हैंकर बेइंतहा अत्याचार हम दिवस पर्यावरण मना रहे हैं । वैज्ञानिक उन्नति की राह पर हम कदम बढ़ा रहे हैंचाँद...
by कविता बहार | Feb 26, 2024 | हिंदी कविता
धरती पर कविता/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे JALATI DHARATI जलती धरती तपन ज्वलनक्रोधाग्नि सा ज्वाला।नशा पान में चुर हो बनते पाखंडी है मतवाला।। काट वृक्ष धरा किन्ह नगनधरती जलती , तु हो मगनवाह रे मानव,खो मानवताक्या सृष्टि का है यही लगन।। जरा सोचो,कुछ कर रहमना कीजिए प्रकृति...
by कविता बहार | Feb 22, 2024 | दिन विशेष कविता
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