मिला जो आशियाना

मिला जो आशियाना मिला जो आशियानावह सर्द रातों में ठिठुरताआसरा ढूंढता पेड़ो के नीचेपेड़ भी तो टपक रहे हैंचीथड़े खोजता अपने लिएजिससे ढक सकेकम्पित बदन कोमसृण पात…बैरी बनेएक बूंद ….एक शीतल बूंदसिहरन पैदा करती अंतर तकश्वान से सटकरहल्की गर्माहट महसूस करताघुटने भी सिकुड़कर ,छू रहे चिबुक कोसांसो की भाप से तपाता,हस्त,नेत्रों कोनींद तो कहाँ?गुजर जाये … Read more

मुरली पर कविता

मुरली पर कविता मुरली रे मुरली तूने ऐसा कौन सा काम किया है ।खुस होकर कान्हा ने तुझे अधरों पे थाम लिया  है।मुरली  बोलो न  मुरली बोलो नतेरी  किस्मत सबसे निराली कान्हा ने अपनाया ।कान्हा के अधरों पे सजी है कोई  समझ न पाया ।कान्हा की प्यारी हो——-कान्हा की प्यारी बन कर तूने जग में  … Read more

विजय पर कविता

विजय पर कविता जिस जीवन में संघर्ष न होविजय उसे नहीं मिल सकतीतेजस्वी वीर पुरुष के आगेअरिसेना नहीं टिक सकती।ललकार दो शत्रु को ऐसी तुमपर्वत का सीना टकराएसाहस हृदय में प्रबल रखोरिपु का मस्तक भी झुक जाए।सरहद पर दुश्मन बार-बारमाँ को आहत कर जाते हैंदुश्मन की ईंट बजाकर लालविजय पताका फहराते हैं।नित जूझते हैं संघर्षों … Read more

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता

विश्वास अपेक्षा महत्व पर कविता १.विश्वास सफल रिश्ते का साँस है विश्वासविश्वास की नींव परसंसार टिका है साहबकर विश्वास हर शख्स पर,पर खुद से ज्यादान करो कभी किसी पर विश्वास। २.अपेक्षा अपेक्षा रखते हैं बहुत हमकितने लोगों से किस हद तकअपेक्षाएं रिश्तों को बाँधती हैंपर जरुरत से ज्यादान रखो किसी से अपेक्षा। ३.महत्व तुच्छ से … Read more

आया है मधुमास- कुण्डलियाँ

आया है मधुमास *भँवरे गुंजन कर रहे, आया है मधुमास।**उपवन की शोभा बनें, टेसू और पलाश।**टेसू और पलाश, संग में चंपा बेला।**गेंदा और गुलाब, सजा रंगों का मेला।**फुलवारी अरु बाग, बसंती रँग में सँवरे।**पी कर नव मकरंद, गुँजाते बगिया भँवरे।।1* *पी कर जब मकरंद को, भ्रमर बैठते फूल।**वह पराग को  छोड़ते, मौसम के अनुकूल।**मौसम के … Read more